दिल्ली की एक अदालत ने दहेज हत्या के मामले में पीड़िता के सास-ससुर को 7 साल कैद की सजा सुनाई है. कोर्ट ने पीड़िता की मौत को अस्वाभाविक बताया है.
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश वीरेंद्र कुमार गोयल ने कृष्ण आनंद (64) और उनकी पत्नी वीणा (63) को आईपीसी की धारा 498 ए (क्रूरतापूर्वक व्यवहार करने) और धारा 304 बी (दहेज के लिए हत्या) के तहत दोषी पाया. प्रताड़ना से तंग आ कर इस विवाहिता ने 20 नवंबर 2005 को आत्महत्या कर ली थी.
न्यायाधीश ने दोनों दोषियों पर पांच-पांच हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया और कहा, महिला की मृत्यु से पहले उससे कार की मांग की गई थी. पीड़िता की मौत अस्वाभाविक परिस्थितियों में हुई. कार की मांग से पहले और शादी के सात सालों के दौरान दहेज की मांग पूरी न होने पर उसके साथ क्रूर व्यवहार किया जाता था और उसे प्रताड़ित किया जाता था.
अदालत ने दोषी पति-पत्नी को यह भी आदेश दिया कि वे पीड़िता के माता पिता को 25-25 हजार रुपए की क्षतिपूर्ति राशि दें. मृतक के पति को अदालत ने यह कहते हुए बरी कर दिया कि ऐसा कोई सबूत नहीं है जिससे पता चले कि वह दहेज के लिए आरोपियों के साथ मिला हुआ था. लेकिन अदालत ने कहा कि महिला का पति होने के बावजूद वह उसे बचा नहीं सका और न ही उसने पत्नी के साथ बरती जा रही क्रूरता का विरोध किया.
दोषियों ने कहा कि उन्हें मामले में फंसाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि महिला अपनी बहन के विवाह में न बुलाए जाने के कारण अवसाद में थी और इसलिए उसने आत्महत्या की.