दिल्ली-NCR में हवा की गुणवत्ता एक बार फिर खराब स्तर पर पहुंच गई है. इसके चलते वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने दिल्ली-एनसीआर में गंभीर रुख अपनाते हुए 'ग्रेडेड रेस्पॉन्स एक्शन प्लान' (GRAP) के पहले चरण यानी स्टेज-1 को तुरंत प्रभाव से लागू करने का आदेश जारी किया है.
बता दें कि बुधवार रात आए धूलभरे तूफान के कारण हवा की गुणवत्ता और बिगड़ गई थी, जो शुक्रवार शाम तक भी सामान्य नहीं हो पाई. इसी को देखते हुए यह फैसला लिया गया है, ताकि प्रदूषण की स्थिति और न बिगड़े और वक्त रहते रोकथाम हो सके.GRAP-1 लागू किए जाने से पहले IMD ने दिल्ली में धूल भरी आंधी को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया था. वहीं शुक्रवार को पारा 42 डिग्री तक पहुंच गया, जिससे राजधानी में भीषण गर्मी महसूस की गई. हालांकि, दिन के कुछ हिस्सों में भारी बारिश भी हुई, जिससे लोगों को कुछ राहत मिली.
GRAP-1 क्या है?
GRAP यानी ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान, दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए तैयार की गई एक चरणबद्ध रणनीति है. इसमें वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) के अनुसार कई स्तर तय किए गए हैं. GRAP-1 तब लागू किया जाता है जब AQI 'खराब' श्रेणी में पहुंच जाता है. इसके तहत निर्माण गतिविधियों पर रोक, ट्रैफिक नियंत्रण, प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों पर पाबंदी और सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देने जैसे उपाय किए जाते हैं.
कब लागू होती है GRAP की कौन सी स्टेज?
-GRAP को दिल्ली-एनसीआर में 4 स्टेज में बांटा गया गया है. स्टेज-1 तब लागू होती है जब दिल्ली में AQI का स्तर 201-300 के बीच होता है.
-स्टेज-2 तब प्रभावी होती है, जब राजधानी में वायु गुणवत्ता सूचकांक 301-400 के बीच यानी 'बहुत खराब' मापा जाता है. एक्यूआई के 301-400 के अनुमानित स्तर तक पहुंचने से कम से कम तीन दिन पहले ही इस स्टेज को लागू करने की कार्रवाई शुरू कर दी जाती है.
-स्टेज 3 'गंभीर' वायु गुणवत्ता के बीच लागू की जाती है,
-स्टेज-IV वायु गुणवत्ता गंभीर स्थिति यानी एक्यूआई के 450 से ऊपर पहुंचने पर लागू होता है.