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पिछले 7 साल में दिल्ली का सबसे प्रदूषित नवंबर, 22 दिन AQI रहा 'बहुत खराब'

Delhi AQI: नवंबर 2024 के गंभीर आंकड़े एक चिंताजनक तस्वीर पेश करते हैं. तीस दिनों में से, दो को 'गंभीर प्लस' (Severe Plus) कैटेगरी के अंतर्गत वर्गीकृत किया गया है, जो वायु प्रदूषण के खतरनाक स्तर को दर्शाता है और स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा पैदा करता है. इन दिनों को 'घनी धुंध', 'कम दृश्यता' और 'श्वसन और हृदय संबंधी बीमारियों में वृद्धि' के रूप में चिह्नित किया गया.

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बीते 7 साल में दिल्ली का सबसे प्रदूषित नवंबर 2024 में दर्ज किया गया (फाइल फोटो/PTI)
बीते 7 साल में दिल्ली का सबसे प्रदूषित नवंबर 2024 में दर्ज किया गया (फाइल फोटो/PTI)

साल 2024 जैसे-जैसे अपने अंत की ओर बढ़ रहा है, नवंबर हालिया समय में 'सबसे प्रदूषित नवंबर' के रूप में उभरकर सामने आ रहा है, जिसने एयर क्वालिटी के खतरनाक रिकॉर्ड स्थापित किए हैं. पिछले नवंबर के विपरीत, इस साल एक भी दिन ऐसा नहीं देखा गया जब एक्यूआई 'खराब' (Poor) या बेहतर कैटेगरी में आया हो. आजतक ने 2018 से 2024 तक सात वर्षों के आंकड़ों का विश्लेषण किया, वर्तमान को छोड़कर इन सभी वर्षों में 'बहुत खराब' (Very Poor) गुणवत्ता वाले दिन कम थे.

चिंताजनक हैं नवंबर 2024 के आंकड़े

नवंबर 2024 के गंभीर आंकड़े एक चिंताजनक तस्वीर पेश करते हैं. तीस दिनों में से, दो को 'गंभीर प्लस' (Severe Plus) कैटेगरी के अंतर्गत वर्गीकृत किया गया है, जो वायु प्रदूषण के खतरनाक स्तर को दर्शाता है और स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा पैदा करता है. इन दिनों को 'घनी धुंध', 'कम दृश्यता' और 'श्वसन और हृदय संबंधी बीमारियों में वृद्धि' के रूप में चिह्नित किया गया.

इसके अलावा, छह दिनों को 'गंभीर' (Severe) के रूप में वर्गीकृत किया गया, जिसमें प्रदूषण का स्तर गंभीर रूप से उच्च रहा. बाकी 22 दिन 'बहुत खराब' (Very Poor) कैटेगरी के अंतर्गत आते हैं, जो वायु गुणवत्ता को लेकर तत्काल और निरंतर हस्तक्षेप की मांग करता है.

2024 से बेहतर था पिछले साल का नवंबर

इसकी तुलना में नवंबर 2023 में प्रदूषण से परेशान रहते हुए भी आंकड़े थोड़े बेहतर रहे. पिछले साल, दो दिन इसी तरह 'गंभीर प्लस', सात दिन 'गंभीर', 17 दिन 'बहुत खराब' के रूप में दर्ज किए गए और विशेष रूप से, चार दिन केवल 'खराब' के रूप में चिह्नित किए गए थे.

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एयर क्वालिटी पिछले कुछ वर्षों से एक गंभीर चिंता का विषय रही है. 2021 में हवा की गुणवत्ता चिंताजनक रूप से गिर गई थी, जिससे दो दिन 'गंभीर प्लस' श्रेणी में दर्ज किए गए. उसी साल, नौ दिन 'गंभीर' श्रेणी में आए, साथ ही 17 'बहुत खराब' और दो 'खराब' श्रेणी में भी आए.

लॉकडाउन में बेहतर हुई थी स्थिति

कोविड-19 महामारी के चलते लगे लॉकडाउन के कारण प्रदूषण में अस्थायी कमी आई थी. 2020 में, एयर क्वालिटी डेटा में एक अनोखा पैटर्न देखा गया, जहां दो 'गंभीर प्लस' दिन होने के बावजूद, सात 'गंभीर' दिनों और दस 'खराब' और दो 'मध्यम' दिनों की गिनती के साथ स्थिति मामूली बेहतर लग रही थी.

वर्ष 2019 सबसे अधिक गंभीर प्रदूषण वाले दिनों के कारण सबसे आगे रहा, जिसमें पांच दिन 'गंभीर प्लस' श्रेणी में दर्ज किए गए. फिर भी, आश्चर्यजनक रूप से, इसमें एक 'संतोषजनक' AQI दिन भी शामिल था, जो हाल के वर्षों में एक दुर्लभ दृश्य था. इसके अलावा तीन 'मध्यम', 10 'खराब' और 9 'बहुत खराब' दिन दर्ज किए गए.

2018 और 2022 में किसी भी दिन 'गंभीर प्लस' नहीं रहा AQI
 
दिलचस्प बात यह है कि 2018 और 2022 में कोई भी 'गंभीर प्लस' दिन दर्ज नहीं किया गया. 2018 में, हवा की गुणवत्ता खराब थी, जिसमें एक दिन मध्यम और सात खराब दिन थे, साथ ही 17 'बहुत खराब' दिन और पांच 'गंभीर' दिन थे. इसके विपरीत, 2022 में 12 'खराब', 15 'बहुत खराब' और तीन 'गंभीर' दिनों के साथ प्रदूषण की तीव्रता कम थी.

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