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मृत कोरोना वॉरियर्स के परिवार को आर्थिक सहायता मिलने में देरी, दिल्ली सरकार के खिलाफ याचिका

दिल्ली सरकार की तरफ से घोषणा होने के बाद भी अभी तक सहायता राशि सिर्फ 15 लोगों को मिली है. ऐसे में याचिका में मांग की गई है कि एक समय सीमा के भीतर सभी कोरोना वॉरियर्स को सहायता राशि जारी करने को लेकर हाई कोर्ट दिल्ली सरकार को निर्देश दे.

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मृत कोरोना वॉरियर्स के परिवार के लिए आर्थिक सहायता की मांग
मृत कोरोना वॉरियर्स के परिवार के लिए आर्थिक सहायता की मांग
स्टोरी हाइलाइट्स
  • दिल्ली सरकार के खिलाफ कोर्ट में याचिका
  • मृत कोरोना वॉरियर्स के परिवार के लिए सहायता की मांग
  • एक करोड़ की आर्थिक सहायता मिलने में देरी

दिल्ली सरकार की तरफ से कोराना काल में जान गंवाने वाले कोरोना वॉरियर्स के परिवार को आर्थिक मदद दी गई है. अब तक दो परिवारों को एक-एक करोड़ रुपये भी दिए गए हैं. लेकिन फिर भी राजधानी में ऐसे कोरोना वॉरियर्स की सूची काफी बड़ी है जिन्हें अब तक यह मदद नहीं मिली है. ऐसे में मांग की जा रही है कि सभी को समय रहते आर्थिक सहायता मिले. अब इस सिलसिले में दिल्ली हाई कोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई है.

दिल्ली हाईकोर्ट ने केजरीवाल सरकार को उस याचिका पर नोटिस जारी किया है जिसमें कोरोना से जान गंवाने वाले सभी कोरोना वॉरियर्स को एक तय समयसीमा में 1 करोड़ की राशि देने की मांग की गई है. याचिकाकर्ता के मुताबिक अभी तक दिल्ली सरकार ने सिर्फ 15 लोगों के परिवार को यह राशि दी है. जबकि कोरोना से मरने वाले कोरोना वॉरियर्स की तादाद बेहद ज्यादा है, दिल्ली में मरने वाले डॉक्टर की तादाद ही 117 के क़रीब है.

कोरोना वॉरियर्स के परिवार के लिए सहायता की मांग

अगर इसमें सफाई कर्मचारी और पुलिस कर्मियों समेत बाकी कोरोना वॉरियर्स को भी जोड़ दिया जाए तो यह संख्या 500 से भी अधिक है, लेकिन दिल्ली सरकार की तरफ से घोषणा होने के बाद भी अभी तक सहायता राशि सिर्फ 15 लोगों को मिली है. ऐसे में याचिका में मांग की गई है कि एक समय सीमा के भीतर सभी कोरोना वॉरियर्स को सहायता राशि जारी करने को लेकर हाई कोर्ट दिल्ली निर्देश जारी करे. जिससे पीड़ित परिवारों को कोरोना काल में आर्थिक तंगी का सामना ना करना पड़े.

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इस याचिका में दूसरी मांग की गई है कि जितने भी मोहल्ला क्लीनिक हैं उन सभी को कोरोना की टेस्टिंग और वैक्सीनेशन के लिए इस्तेमाल किया जाए. याचिका में कहा गया है कि मोहल्ला क्लीनिक पर दिल्ली सरकार की तरफ से काफी पैसा खर्च किया गया है लेकिन कोरोना काल में उनका कहीं इस्तेमाल नहीं हो रहा है, ऐसे में यहां पर टेस्टिंग और वैक्सीनेशन की सुविधा उपलब्ध कराई जाए.

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तीसरी लहर से पहले अस्पताल बनाने पर जोर

साथ ही याचिका में कहा गया है कि तीसरी लहर की आशंका के मद्देनजर दिल्ली के उन आठ अस्पतालों को जल्द से जल्द तैयार किया जाए जो समय सीमा बीत जाने के बाद भी अब तक पूरे नहीं हुए हैं. इसमें द्वारका सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल से लेकर छतरपुर और मादीपुर तक के अस्पताल शामिल हैं.

कोर्ट ने इस याचिका पर दिल्ली सरकार को नोटिस जारी कर 6 हफ्ते में अपना जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं. हाईकोर्ट में याचिका पार्थ कुमार की तरफ से दाखिल की गई है और कोर्ट ने अब इस मामले में अगली सुनवाई के लिए 12 अगस्त की तारीख तय की है.

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