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'जेल की सलाखें केजरीवाल का हौसला कमजोर नहीं कर सकतीं', तिहाड़ से रिहाई के बाद BJP पर बरसे दिल्ली CM

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल तिहाड़ जेल से रिहा हो गए हैं. जेल से बाहर आने के बाद उन्होंने कहा कि लाखों लोगों ने मेरे लिए दुआ की थी, उन लोगों की दुआओं की वजह से आज बाहर आया हूं. जेल की सलाखें केजरीवाल के हौसले के कमजोर नहीं कर सकतीं.

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तिहाड़ से रिहा होने के बाद कार्यकर्ताओं को संबोधित करते CM केजरीवाल
तिहाड़ से रिहा होने के बाद कार्यकर्ताओं को संबोधित करते CM केजरीवाल

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल तिहाड़ जेल से रिहा हो गए हैं. जेल से बाहर आने के बाद उन्होंने आम आदमी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि लाखों लोगों ने मेरे लिए दुआ की थी, उन लोगों की दुआओं की वजह से आज बाहर आया हूं.

केजरीवाल ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि इन लोगों ने मुझे जेल में डाल दिया, इन लोगों को लगा कि केजरीवाल को जेल में डाल देंगे तो मेरे हौसले टूट जाएंगे. लेकिन मेरे हौसले और मेरी ताकत 100 गुना ज्यादा बढ़ गई है. उन्होंने कहा कि इनकी जेल की मोटी-मोटी दीवारें, इनकी जेल की सलाखें केजरीवाल के हौसले के कमजोर नहीं कर सकतीं. 


केजरीवाल ने कहा कि मैं भगवान से प्रार्थना करता हूं कि जैसे ऊपरवाले ने अभी तक मुझे ताकत दी, ऐसे ही भगवान मुझे रास्ता दिखाता रहे, मैं देश की सेवा करता रहूं और जितनी राष्ट्रविरोधी ताकतें हैं, जो देश को बांटने और कमजोर करने का काम कर रही हैं, मैं जिंदगी भर उनके खिलाफ लड़ता रहूं.

केजरीवाल ने कहा कि मेरा जीवन देश के लिए समर्पित है. मेरी जिंदगी का एक-एक पल देश के लिए है. मैंने जिंदगी में बहुत संघर्ष किया है, बड़ी मुसीबतें झेली हैं, लेकिन हर कदम पर भगवान ने मेरा साथ दिया है. क्योंकि मैं सच्चा था. 

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केजरीवाल का स्वागत करने के लिए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया समेत आम आदमी पार्टी के सैकड़ों कार्यकर्ता और वरिष्ठ पार्टी नेता जेल के बाहर इंतजार कर रहे थे. बारिश में भीगते हुए भगवंत मान और मनीष सिसोदिया ने एक ट्रक के ऊपर से केजरीवाल के समर्थन में नारे लगाए. "जेल के ताले टूट गए, केजरीवाल छूट गए", "भ्रष्टाचार का एक ही काल, केजरीवाल, केजरीवाल" जैसे नारे हवा में गूंज रहे थे. रिहाई के बाद केजरीवाल ने तेज बारिश के बीच कार्यकर्ताओं को संबोधित किया.

कोर्ट ने केजरीवाल की जमानत के लिए वहीं शर्तें लगाई हैं, जो ED केस में बेल देते वक्त लगाईं थीं. केजरीवाल को इन शर्तों का पालन करना होगा.

- जेल से बाहर आने के बाद केजरीवाल किसी भी फाइल पर दस्तखत नहीं कर पाएंगे. जब तक ऐसा करना जरूरी ना हो. 
- केजरीवाल के दफ्तर जाने पर भी पाबंदी रहेगी. वे ना तो मुख्यमंत्री कार्यालय और ना सचिवालय जा सकेंगे. 
- इस मामले में केजरीवाल कोई बयान या टिप्पणी भी नहीं कर सकते हैं. 
- किसी भी गवाह से किसी तरह की बातचीत नहीं कर सकते हैं. 
- इस केस से जुड़ी किसी भी आधिकारिक फाइल को नहीं मंगा सकते हैं. ना देख सकते हैं. 
- जरूरत पड़ने पर ट्रायल कोर्ट में पेश होंगे और जांच में सहयोग करेंगे. 
- 10 लाख का बेड बॉन्ड भरना होगा.

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