scorecardresearch
 

थम गई ई-रिक्शावाले मोहसिन की पुकार, सदा के लिए चुप हो गया नौमान, आतंकियों के करतूत की कहानियां

दिल्ली धमाके ने कई जिंदगियों को बेवक्त खामोश कर दिया. कई परिवारों के लिए समय अब बिल्कुल भी पहले जैसा नहीं रहा है. नौमान, मोहसिन, अमन और फारूख ऐसे ही कुछ नाम हैं. इन परिवारों ने दहशतगर्दों के लिए फांसी की मांग की है.

Advertisement
X
दिल्ली धमाके में मोहसिन और नौमान की मौत हो गई. (Photo: ITG)
दिल्ली धमाके में मोहसिन और नौमान की मौत हो गई. (Photo: ITG)

अब नौमान न तो चांदनी चौक में चूडी, बिंदिया, सिंदूर, कंगने खरीदने आएगा और न ही पुरानी दिल्ली की गलियों में मोहसिन की आवाज गूंजेगी. वो मोहसिन जो ई रिक्शा चलाता था. इस ई रिक्शा की छोटी कमाई पर ही उसका बड़ा परिवार पलता था. लेकिन अब ये सारी घटनाएं थम जाएंगी.

नौमान, मोहसिन इस दुनिया में नहीं रहे. अमन, फारूख जख्मी हैं और परिवार जिंदगी की दुआ कर रहा है. दिल्ली ब्लास्ट ने कुछ परिवारों को ऐसे घाव दिए जो ताउम्र हरे रहेंगे. और दर्जनों परिवारों को आतकंवादियों की हैवानी को याद दिलाते रहेंगे. यूपी के शामली में कॉस्मेटिक की दुकान चलाने वाला 22 साल का नौमान चांदनी चौक मार्केट का दीवाना था. वो यहां से थोक के भाव में सामान खरीदता और शामली में बेचता. इस बार की खरीदारी उसने अपने चचेरे भाई अमन के साथ करने की सोची थी. 

शामली जिले के झिंझाना कस्बे का रहने वाला कॉस्मेटिक दुकान संचालक 22 वर्षीय नौमान की मौत हो गई, जबकि उसका भाई अमन गंभीर रूप से घायल हो गया. 

नौमान लाल किला मेट्रो स्टेशन के पार्किंग में कार खड़ी करने के बाद सड़क पार कर रहा था, तभी धमाका हुआ और वह इसकी चपेट में आ गया.  नौमान की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि घायल अमन को दिल्ली के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उसकी हालत गंभीर बताई जा रही है. इस घटना के साथ ही आतंकियों की हरकत ने अमन और नौमान की जोड़ी को हमेशा के लिए खत्म कर दिया.

Advertisement

नौमान के मौसा का कहना है दोनों दिल्ली कॉस्मेटिक का सामान लेने गए थे. कुछ सामान इनकी गाड़ी में रह गया था तो उसको लेने के लिए आए थे. इसी दौरान ब्लास्ट में नौमान की मौत हो गई. 

इस घटना के बाद नौमान के परिजनों ने आतंकवादियों को लानतें भेजी हैं. इस परिवार का कहना है कि जिसने बम ब्लास्ट किया है उनको कड़ी से कड़ी सजा मिले. और दहशतगर्दों फांसी दी जानी चाहिए. परिवार ने सरकार से मदद की मांग की है.

मेरठ के लोहिया नगर थाने के न्यू इस्लामनगर में रहने वाले मोहसिन के लिए कल का ई-रिक्शा का सफर आखिरी साबित हुआ. मोहसिन दिल्ली में अपनी पत्नी और बच्चों के साथ रहता था. 2 साल पहले दिल्ली आने वाला मोहसिन रोजाना 500 से 600 रुपये कमाता था और इसी से उसकी गृहस्थी चलती थी. 

बताया जा रहा है कि मोहसिन अपने ई रिक्शा से सवारी लेकर जा रहा था. तभी वहां धमाका हुआ. इसमें उसकी दर्दनाक मौत हो गई. उसकी उम्र मात्र 35 साल थी. 

मोहसिन के पिता  रफीक पेशे से हैंडलूम की फैक्ट्री में काम करते हैं. रफीक के 11 बच्चे हैं. जिसमें 6 बच्चे और 5 बेटी हैं. मोहसिन का परिवार मेरठ में किराए के मकान में रहता है. इस परिवार ने भी सरकार से मदद की मांग की है. 

Advertisement

दिल की बीमारी वाले फारुख लकी रहे

लाल किला बलास्ट में घायल हुए मोहम्मद फारुख सोमवार शाम कश्मीरी गेट से अपने घर की तरफ आ रहे थे. वह जैसे ही लाल किले के पास पहुंचे ब्लास्ट के बाद हुए भगदड़ में स्कूटी के साथ गिर पड़े. उनके पैरों में चोट आई है. उनका इलाज एलएनजेपी में चल रहा है. फारुख को पहले से ही दिल की बीमारी है. 

अबतक 9 मौतें

दिल्ली धमाके में अबतक 9 लोगों की मौत हो चुकी जबकि 20 लोग जख्मी हैं. कुछ मृतकों के शव इतने क्षत-विक्षत हो गए हैं कि उनकी पहचान नहीं हो पा रही है.  

---- समाप्त ----
Live TV

Advertisement
Advertisement