राजधानी दिल्ली सहित एनसीआर की हवा लगातार जहरीली होती जा रही है. गुरुवार सुबह एक बार फिर दिल्ली स्मॉग की चादर में लिपटी नजर आई. दिल्ली के अधिकतर इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है. AQICN के अनुसार, आनंद विहार में AQI 440, नरेला में 460,जहांगीरपुरी में 503, सोनिया विहार में 433, बवाना में 495, मुंडका में 461,ओखला में 416, पंजाबी बाग में 470,आरके पुरम में 417 पर पहुंच गया है.
इन वाहनों पर लगेगी रोक?
दिल्ली सरकार प्रदूषण की स्थिति के मद्देनजर सीएनजी, बिजली और बीएस-6 डीजल से चलने वाली बसों को छोड़कर यात्री बसों के राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश पर पूर्ण प्रतिबंध लगा सकती है. फिलहाल सिर्फ ट्रकों को शहर में प्रवेश पर रोक है. पिछले महीने, दिल्ली सरकार ने निर्देश दिया था कि हरियाणा से राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश करने वाली सभी बसों को बिजली, सीएनजी या बीएस-VI डीजल पर चलाना होगा. उत्तर प्रदेश और राजस्थान के एनसीआर क्षेत्रों से प्रवेश करने वाली बसों को भी इन मानदंडों का पालन करना होगा.
गोपाल राय ने कही थी ये बात
इससे पहले दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बुधवार को कहा था कि सरकार प्रदूषण स्तर पर कड़ी निगरानी रख रही है. राय ने कहा कि प्रदूषण की स्थिति बिगड़ती है तो ऑड-ईवन नियम लागू और कृत्रिम बारिश पर विचार किया जाएगा. उन्होंने साफ किया है कि AQI 'गंभीर+' श्रेणी में जाने पर ऑड-ईवन पर निर्णय लिया जाएगा. इससे पहले सरकार ने दिल्ली में 13 से 20 नवंबर तक ऑड ईवन लागू करने का ऐलान किया था. लेकिन बारिश के बाद इस फैसले को स्थगित कर दिया था.
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) के एक अधिकारी ने मंगलवार को ही ऐलान किया था कि केंद्र सरकार की वायु प्रदूषण नियंत्रण योजना का अंतिम चरण, जिसे ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) के रूप में जाना जाता है, वह जारी रहेगा. निर्माण गतिविधियों पर रोक और राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण फैलाने वाले ट्रकों के प्रवेश सहित कड़े कदम अगले निर्देश जारी होने तक जारी रहेंगे.
बीजेपी और AAP एक दूसरे पर हमलावर
अन्य अस्थायी उपायों के अलावा, दिल्ली अग्निशमन सेवा (डीएफएस) के ट्रक वायु प्रदूषकों को कम करने के लिए कई जगहों पर पानी का छिड़काव कर रहे हैं. प्रदूषण को लेकर सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) एक दूसरे पर हमलावर हैं. दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने भाजपा के इस दावे को खारिज कर दिया कि आप सरकार पटाखे जलाने पर रोक लगाने में विफल रही है. उन्होंने भाजपा प्रशासित हरियाणा और उत्तर प्रदेश को प्रदूषण के लिए जिम्मेदार ठहराया है.