सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को चंडीगढ़ मेयर चुनाव को लेकर ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार कुलदीप कुमार को विजयी घोषित कर दिया. अदालत ने कहा कि मेयर चुनाव में अवैध करार दिए गए आठ बैलेट पेपर मान्य माने जाएंगे. इसके साथ ही रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह को कोर्ट की अवमानना का नोटिस जारी किया गया है. अब कोर्ट की कार्यवाही का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह से सवाल जवाब कर रहे हैं.
'इसलिए देखा कैमरा...'
वीडियो में मुख्य न्यायाधीश अनिल मसीह को चेतावनी देते हुए कहते हैं कि मैं आप से कुछ सवाल पूछ रहा हूं अगर आपने सही जवाब नहीं दिया तो आपको सजा मिलेगी. आप इस वक्त किसी राजनीतिक पार्टी की मीटिंग में नहीं, बल्कि अदालत में खड़े हैं और ये बात आपके लिए समझना जरूरी है. ये काफी गंभीर मामला है, हमने इस मामले का वीडियो भी देखा है. आप कैमरे की ओर देखते हुए बैलेट पेपर से छेड़छाड़ क्यों कर रहे थे.
इसका जवाब देते हुए अनिल मसीह कहते हैं सर, वहां मौजूद पार्षद कैमरा-कैमरा बोलते हुए काफी शोर मचा रहे थे. मुझे लगा ये लोग कैमरे के बारे में इतनी क्यों बात कर रहे हैं... इसीलिए मैंने कैमरे की ओर देखा था.
'हाइलाइट कर रहा था बैलेट'
इसके बाद चीफ जस्टिस ने उनसे पूछा, पर आप बैलेट पेपर में निशान क्यों बना रहे थे. इसका जवाब देते हुए रिटर्निंग ऑफिसर ने कहा कि सर वोटिंग की प्रक्रिया पूरी होने के बाद, मैं सभी बैलेट पेपर पर साइन कर रहा था और मैं उन्हें हाइलाइट कर रहा था. ताकि वो फिर से मिल न जाएं.
CJI ने पूछा कि वीडियो में स्पष्ट दिख रहा है कि कुछ बैलेट पेपर के ऊपर क्रॉस का निशान बना हुआ है और आप कुछ पर साइन कर अपने एक ट्रे में रख रहे थे, जबकि अन्य बैलेट पेपर पर साइन कर आप अलग रख रहे थे. क्या आपने ऐसा किया है पहले हां या नहीं में इसका जवाब दें और कितने बैलेट पेपर पर अपने ऐसा निशान बनाया था. चीफ जस्टिस के सवाल पर बोलते हुए अनिल मसीह ने कहा, हां सर. 8 बैलेट पेपर पर, लेकिन मैं सिर्फ उनको हाइलाइट कर रहा था. ताकि वो अन्य बैलेट पेपरों में न मिलें.
उन्होंने आगे कहा कि इस पूरे घटना क्रम के बाद AAP के दो पार्षद आए और मैंने उन्हें 12 और 16 का आंकड़ा बताया तो उन्होंने मुझ से सारे बैलेट पेपर छीन लिए और उन्हें फाड़ने लगे. चंडीगढ़ पुलिस ने बैलेट को बचाया.
इसके बाद सीजेआई ने उनसे पूछा, पर आप बैलेट पेपर को डीफेस क्यों कर रहे थे. आपका अधिकार बैलेट पेपर के नीचे साइन करना है. वो आप कर सकते हैं, लेकिन कौन-से रूल के हिसाब से आपको बैलेट पेपर पर निशान बनाने की इजाजत मिली है. इस पर अनिल मसीह ने कहा कि सर मैंने जब उन बैलेट पेपर को देखा तो मुझे लगा कि इन बैलेट पेपर को कुछ अलग निशान देने की कोशिश की गई है.
आपको मिलेगी सजा: CJI
वीडियो के अंत में सीजेआई ने कहा कि वीडियो में साफ दिख रहा है कि आपने बैलेट पेपर से छेड़छाड़ की है और आपको इसके लिए सजा मिलेगी. इससे पहले सोमवार की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने प्रशासन और रिटर्निंग अफसर अनिल मसीह को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा था कि ये लोकतंत्र का मजाक है.
अदालत ने सुनाया ऐतिहासिक फैसला
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय पीठ ने चुनाव में डाले गए मतपत्रों की जांच की और ये पाया कि आठ बैलेट पेपर वैध थे. ये सभी वोट AAP के मेयर पद के उम्मीदवार कुलदीप कुमार के पक्ष में डाले गए थे, लेकिन मसीह ने जानबूझकर इन आठ बैलेट पेपर से छेड़छाड़ की थी.
अदालत ने शुरू की रिटर्निंग ऑफिसर पर कार्रवाई
सुप्रीम कोर्ट ने चंडीगढ़ मेयर चुनाव के रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह के खिलाफ सीआरपीसी की धारा 340 के तहत कार्रवाई शुरू कर दी है. उन्हें अदालत की अवमानना का नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है. मसीह को तीन हफ्ते का समय दिया है ताकि वह इस मामले पर अपना जवाब पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में दाखिल कर सकें.
30 जनवरी को हुआ था चुनाव
चंडीगढ़ नगर निगम में कुल 35 पार्षद हैं और एक चंडीगढ़ के सांसद का वोट होता है. इस तरह से कुल 36 वोट हैं. और यही मेयर चुनाव के लिए वोट डालते हैं. मेयर पद का चुनाव जीत के लिए 19 वोट की जरूरत होती है.
बीजेपी के पास अपने 14 पार्षदों और एक सांसद को मिलाकर कुल 15 वोट थे, जबकि आम आदमी पार्टी के पास 13 और कांग्रेस के पास 7 पार्षद हैं. अकाली दल के एक पार्षद ने भी बीजेपी को समर्थन दिया था.
बीजेपी के उम्मीदवार 16 वोट मिले थे, जबकि AAP के प्रत्याशी को 20 वोट मिले थे. लेकिन रिटर्निंग ऑफिसर ने AAP के 20 वोटों में से 8 को अवैध करार दिया था और इसके बाद बीजेपी के उम्मीदवार मनोज सोनकर ने चुनाव जीत लिया. हालांकि, अब चंडीगढ़ नगर निगम में नंबर गेम बदल चुका है, क्योंकि बीते दिनों AAP के तीन पार्षद बीजेपी में शामिल हो गए थे.