उत्तराखंड की अंकिता भंडारी कांड के संबंध में सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई है. इसमें अंकिता की हत्या मामले में पटवारी सिस्टम को जिम्मेदार ठहराया गया है. कहा गया है कि इस सिस्टम के जरिये शिकायतें दर्ज होने और उन पर कार्रवाई में काफी समय लग जाता है.
याचिकाकर्ता की मांग है कि उत्तराखंड हाईकोर्ट को चाहिए कि इस सिस्टम को अविलंब खत्म करने का आदेश जारी किया जाए.
2019 में दाखिल की गई थी याचिका
गौरतलब है कि उत्तराखंड सरकार ने इस सिस्टम को चुनौती देने वाली याचिका हाईकोर्ट में साल 2019 में दाखिल की थी. मगर, अब तक वो सुनवाई के लिए सूचीबद्ध ही नहीं की गई है.
पुलिस और पटवारी के बीच दौड़ लगाते हैं पीड़ित
अंकिता भंडारी प्रकरण को जोड़ते हुए याचिका में कहा गया है कि अंकिता के पिता अपनी शिकायत दर्ज कराने पुलिस के पास गए थे. मगर, उनको पटवारी के पास शिकायत की तस्दीक यानी संस्तुति के लिए भेज दिया गया. इसके बाद सरकारी महकमों के बीच का खेल शुरू हुआ.
अंकिता के परिजन शिकायत दर्ज कराने को लेकर पुलिस और पटवारी के बीच दौड़ते रहे. मगर, जब शिकायत ही दर्ज नहीं हुई तो जांच कैसे शुरू होती. चीफ जस्टिस उदय उमेश ललित ने याचिकाकर्ता से कहा कि वो मंगलवार को इस मामले को इसी कोर्ट के सामने संबंधित दस्तावेजों के साथ मेंशन करें.
रिजॉर्ट के मालिक ने ही की थी हत्या
पौड़ी गढ़वाल जिले के यमकेश्वर विधानसभा इलाके के एक प्राइवेट रिजॉर्ट में अंकिता रिसेप्शनिस्ट थी. अंकिता बीते 18-19 सितंबर से गायब थी. पुलिस और SDRF की टीमें जिला पावर हाउस के पास शक्ति नहर में तलाशी अभियान चला रही थीं.
शनिवार सुबह पुलिस को अंकिता की डेडबॉडी चिल्ला पावर हाउस के पास से मिली. उसकी हत्या का आरोप रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य, मैनेजर सौरभ भास्कर और असिस्टेंट मैनेजर अंकित गुप्ता पर लगा है. कोर्ट ने तीनों आरोपियों को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है.