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जेल से रिहा होने के बाद बजरंग बली के दर पर पहुंचे केजरीवाल, हनुमान मंदिर में की पूजा

दिल्ली आबकारी नीति मामले में शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के एक दिन बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आज बजरंग बली के दर पर पहुंचे और वहां पूजा की. इस दौरान उनके साथ पत्नी सुनीता केजरीवाल और तमाम पार्टी नेता नजर आए.

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हनुमान मंदिर में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल
हनुमान मंदिर में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल जेल से रिहाई के बाद भगवान के दर पर पहुंचे. सुप्रीम कोर्ट से जमानत के बाद शुक्रवार को तिहाड़ जेल से रिहा हुए केजरीवाल ने आज दिल्ली के कनॉट प्लेस स्थित हनुमान मंदिर पहुंचकर पूजा की और भगवान का आशीर्वाद लिया. इस दौरान उनके साथ सुनीता केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, सांसद संजय सिंह और दिल्ली के कई मंत्री भी मौजूद थे. 

इससे पहले बेल मिलने के बाद शुक्रवार को उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘आज दोपहर 12 बजे भगवान का शुक्रिया अदा करने और उनका आशीर्वाद लेने के लिए कनॉट प्लेस स्थित हनुमान मंदिर जाऊंगा.”

बीजेपी पर हमलावर हुए थे सीएम

शुक्रवार को जेल से रिहा होने के बाद केजरीवाल ने बीजेपी पर हमला करते हुए कहा कि उनकी लडाई जारी रहेगी. उन्होंने ये भी कहा है कि मैं सच्चा था, मैं सही था इसलिए भगवान ने मेरा साथ दिया. और जेल से बाहर आने के बाद उनकी ताकत अब 100 गुना बढ़ गई है. यानी उनका कहना है कि 177 दिन जेल में रहकर उनकी ताकत 100 गुना बढ़ गई.

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दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा, 'अरविंद केजरीवाल के जीवन में कोई बड़ा मौका होता है, घर में कोई उपलक्ष्य चुनाव का समय हो या आज उनको इतनी बड़ी राहत मिली हो, वह हनुमान जी का आशीर्वाद लेते हैं.'

बीजेपी को निशाने पर लेते हुए सौरभ भारद्वाज ने कहा, 'देश का संविधान इतना मजबूत है, कितनी भी तानाशाह सरकार आ जाए, वो बताता है कि सरकार तो आनी जानी है. ' इससे पहले उन्होंने कहा था कि जेल से बाहर आने के बाद केजरीवाल हरियाणा में पार्टी उम्मीदवारों के पक्ष में चुनाव प्रचार करेंगे.

इन शर्तों पर मिली केजरीवाल को जमानत

अदालत ने अरविंद केजरीवाल को कुछ शर्तों के साथ ज़मानत दी है. जैसे, अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री होते हुए भी मुख्यमंत्री के दफ्तर नहीं जा सकते, किसी फाइल पर हस्ताक्षर नहीं कर सकते, इस मामले में जांच को लेकर कोई बयान नहीं दे सकते और जांच में रुकावट डालने और गवाहों को प्रभावित करने की भी कोशिश नहीं कर सकते. ये वो शर्तें हैं, जिनके आधार पर अरविंद केजरीवाल को इस मामले में रेगुलर बेल मिली है.

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