बीते दिनों बिहार में जनसंख्या नियंत्रण पर बोलते हुए सीएम नीतीश कुमार सुर्खियों में आए थे. अब सरकार की परिवार नियोजन योजना से जुड़ा हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. नसबंदी कराने के बाद भी महिला ने तीन बच्चों को जन्म दिया है. इससे पहले वो चार बच्चों को जन्म दे चुकी है. इस मामले में उसने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से गुहार लगाई है.
ताजा मामला मुजफ्फरपुर जिले के गायघाट क्षेत्र के केवटसा गांव का है. यहां रहने वाली जुली देवी (35) ने 2015 में गायघाट के सरकारी अस्पताल में नसबंदी करवाई थी. इसके बाद उसने तीन बच्चों को जन्म दिया. अब इस मामले में परिजनों ने तत्कालीन सिविल सर्जन के पास शिकायत दर्ज कराई है और मुआवजे की मांग की.
पीएचसी में लगे कैंप में करवाई थी पत्नी की नसबंदी
महिला के पति नीरज कुमार सिंह के मुताबिक, वो मजदूरी करके जीवन यापन करता है. 20 साल पहले उसकी शादी हुई थी. साल 2008 में बेटी कोमल कुमारी, 2009 में बेटा किसू कुमार, 2011 में बेटी वैष्णवी और 2013 में किश्मी कुमारी ने जन्म लिया. इसके बाद परिवार सीमित रखने के लिए डॉक्टर की सलाह पर 2015 में गायघाट पीएचसी में लगे कैंप में पत्नी की नसबंदी करवाई.
डॉक्टर ने बच्चों के बीच गैप रखने वाला इंजेक्शन लगाया
ऑपरेशन होने के 3 साल बाद 2018 में पत्नी फिर से गर्भवती हुई थी. इसकी जानकारी उसने तत्कालीन जिलाधिकारी को दी. जिलाधिकारी ने जांच का आदेश दिया. जांच के क्रम में ही 2018 और 2020 में दो संतानें हुईं. इस बीच पत्नी को तत्कालीन सिविल सर्जन ने 6 हजार रुपये मुआवजा दिया. फिर बच्चों के बीच गैप रखने वाला इंजेक्शन लगाया.
इंजेक्शन लगने के बाद उल्टी हुई थी तो जांच कराई
इंजेक्शन लगने के बाद उल्टी होने की शिकायत पर जांच कराई तो पता चला कि पत्नी फिर से गर्भवती है. अब वो नसबंदी ऑपरेशन फेल होने की शिकायत और संबंधित डॉक्टर पर कार्रवाई के लिए पिछले 9 साल से स्वास्थ्य विभाग का चक्कर लगा रहा है. मगर, कोई मदद नहीं मिल रही.
3 बच्चे कैसे हो गए, इसकी जांच की जा रही- सर्जन
इस मामले में प्रभारी सिविल सर्जन ज्ञान रंजन ने बताया कि परिवार नियोजन के बाद भी 3 बच्चे होने का मामला संज्ञान में आया है. आमतौर पर नियोजन फेल भी होता है तो एक बच्चा होता है. मगर, लेकिन 3 बच्चे कैसे हो गए, इसकी जांच की जा रही है.