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प्रसाद की तरह अपने वोट ना बांटें महादलित: नीतीश

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को अपने वोट बैंक महादलितों को एकजुट करने के प्रयास में कहा कि महादलितों को ‘सत्यनारायण भगवान के प्रसाद’ की तरह अपने वोट नहीं बांटने चाहिए बल्कि विकास के लिए काम करने वाली सत्तारुढ जदयू को वोट सुनिश्चित करना चाहिए.

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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को अपने वोट बैंक महादलितों को एकजुट करने के प्रयास में कहा कि महादलितों को ‘सत्यनारायण भगवान के प्रसाद’ की तरह अपने वोट नहीं बांटने चाहिए बल्कि विकास के लिए काम करने वाली सत्तारुढ जदयू को वोट सुनिश्चित करना चाहिए.

नालंदा जिले के अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल राजगीर में कन्वेंशन सेंटर में जदयू के महादलित प्रकोष्ठ की बैठक में नीतीश ने कहा, ‘महादलितों को अपने वोट का महत्व समझना चाहिए. पहले महादलितों के नाम पर राजनीति होती थी. मेरी सरकार ने उनके विकास के लिए काम किया.’
उन्होंने कहा, ‘महादलितों को अपने वोट सत्यनारायण भगवान के प्रसाद की तरह हर किसी को नहीं बांटना चाहिए. यह वोट है जिसे भी दिया जाता है, थोक भाव में दिया जाता है. पार्टी के लोगों को सुनिश्चत करना चाहिए की जदयू को महादलितों के वोट एकमुश्त प्राप्त हो.’
 
उल्लेखनीय है कि नीतीश कुमार ने दलित समुदाय में से 18 अत्यंत पिछड़ों को अलग कर महादलित समुदाय का समूह बनाया है. चार जातियों को इसमें शामिल नहीं किया. नीतीश ने विपक्षी दलों के बहकावे में न आने की अपील करते हुए महादलितों से कहा, ‘आपका कीमती वोट का बहुत इस्तेमाल किया गया लेकिन किसी ने आपके विकास के लिए पहल नहीं की. लोग आपको जाति और वर्ग में बांटने का भ्रम फैलाने का प्रयास करेंगे. ऐसे लोगों को आप सबक सीखाइये.’

मुख्यमंत्री ने महादलितों के लिए चलायी जा रही रेडियो वितरण योजना को विकास की चेतना फैलाने का कार्यक्रम बताया. नीतीश ने रविवार को पिछड़ा वर्ग वोट बैंक को एकजुट करने का प्रयास किया था.

उल्लेखनीय है कि नरेंद्र मोदी को लेकर जदयू और भाजपा में तनातनी का माहौल बना हुआ है.

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