यूपीए सरकार आजकल नीतीश कुमार पर मेहरबान है. केंद्र सरकार ने बिहार को 12 हजार करोड़ रुपये की आर्थिक मदद को मंजूरी दे दी है. बिहार को बैकवर्ड रीज़न ग्रांट फंड के तहत 12 हजार करोड़ रुपये मदद के तौर पर मिलेंगे.
12 वीं पंचवर्षीय योजना के तहत ये रकम बिहार को 5 किश्तों मे दी जाएगी. गुरुवार को सीसीइए की बैठक में इस प्रस्ताव पर मुहर लगा दी गई. बिहार सरकार ने 2012 में योजना आयोग को सौंपी गयी 57344 करोड़ रुपये की योजनाओं के एवज में केंद्र सरकार से 12वीं पंचवर्षीय योजना में बीआरजीएफ के तहत कम से कम 20 हजार करोड़ रुपये की राशि राज्य को देने का अनुरोध किया था.
बिहार सरकार को बैकवर्ड रिजन ग्रांट फंड (बीआरजीएफ) की राशि से बिहार में कई सडकों का निर्माण, गंगा पुल का निर्माण और कांटी स्थित ताप विद्युत संयंत्र के विस्तारीकरण सहित कई काम पूरे करने हैं. इसलिए नीतीश की मांग थी कि केंद्र सरकार को प्रतिवर्ष चार हजार रुपये की देते हुए बिहार को बीआरजीएफ के तहत 20 हजार करोड़ रुपये का पैकेज देना चाहिए.
बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने पहले ही आशंका जताई थी कि केंद्र सरकार बीआरजीएफ के राज्य घटक के रूप में बिहार को 12 हजार करोड़ रुपये देने की साजिश कर रहा है. बीआरजीएफ के तहत मदद बिहार का हक है, क्योंकि अलग झारखंड राज्य बनने के बाद अधिकतर संसाधन और उद्योग धंधे दूसरे राज्य में चले गये हैं.