बिहार विधान परिषद के पूर्व सभापति तथा जेडीयू के वरिष्ठ नेता ताराकांत झा का सोमवार को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. गंगा नदी के दीघा घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया गया. ताराकांत झा के बेटे कौशल कुमार झा ने उन्हें मुखाग्नि दी. ताराकांत झा का रविवार को लंबी बीमारी के बाद पटना के रूबन अस्पताल में निधन हो गया था.
बिहार के मधुबनी जिला के बेनीपट्टी अनुमंडल के शिवनगर गांव में जन्मे 86 वर्षीय दिवंगत ताराकांत झा काफी दिनों से अस्वस्थ थे. उनके परिवार में पत्नी, एक पुत्र और दो पुत्रियां हैं.
साल 1952 से आरएसएस एवं जनसंघ से जुड़े रहे और बीजेपी के संस्थापक सदस्यों में से एक रहे झा ने अपनी पार्टी में उपेक्षित महसूस करने पर गत 19 फरवरी को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के समक्ष जेडीयू की सदस्यता ग्रहण कर ली थी.
बिहार प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष रह चुके ताराकांत झा को पार्टी द्वारा विधान परिषद के सदस्य के रूप में फिर से मनोनीत नहीं किए जाने पर अपना कार्यकाल पूरा होने पर उन्हें 6 मई 2012 को सदन के सभापति का पद छोड़ना पड़ा था. झा 4 अगस्त 2009 को बिहार विधान परिषद के सभापति बने थे.
पेशे से वकील झा बिहार के महाधिवक्ता के पद पर भी आसीन रहने के साथ बिहार बार काउंसिल के अध्यक्ष तथा छह सालों तक बार काउंसिल ऑफ इंडिया के सदस्य रहे थे तथा मैथिली भाषा को संविधान की आठवीं सूची में शामिल कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी.