बिहार में चमकी बुखार से हो रही लगातार मौतों की वजह से राष्ट्रीय जनता दल(आरजेडी) के स्टूडेंट विंग ने राजधानी पटना स्थित राज भवन के सामने विरोध प्रदर्शन किया है. स्टूडेंट विंग की मांग है कि राज्य में हो रही मौतों के चलते स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय अपने पद से इस्तीफा दें.
स्टूडेंट विंग की यह भी मांग है कि चमकी बुखार से जिन परिवारों के बच्चों की मौत हुई है, उन परिवारों की स्थिति पर कमेटी गठित की जाए और उन्हें मुआवजा दिया जाए.
गौरतलब है कि विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को लेकर पोस्टर लगाए गए थे. पोस्टर में तेजस्वी यादव को ढूंढने पर 5100 रुपये इनाम के तौर पर देने का ऐलान किया गया था. सोशल मीडिया पर भी तेजस्वी यादव की चुप्पी को लेकर इस मामले पर सवाल उठाए जा रहे हैं.
मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार की वजह से अब तक 147 बच्चों की मौत हो चुकी है. सबसे ज्यादा बीमारी से मौतें मुजफ्फरपुर में हुई हैं. श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एसकेएमसीएस) में अब तक 128 बच्चों की मौत हो चुकी है.
एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) नाम की इस बीमारी को बिहार में चमकी बुखार और दिमागी बुखार के नाम से भी जाना जाता है. लगातार हो रही मौतों पर केंद्र सरकार के साथ-साथ बिहार सरकार भी जिम्मेदार ठहराई जा रही है. मुख्य विपक्षी नेताओं और सत्ता पक्ष दोनों को सोशल मीडिया पर निशाना बनाया जा रहा है. केंद्र और राज्य सरकार की आलोचना भी हो रही है.Bihar: RJD student wing marched to Raj Bhavan, Patna, in protest against state govt over health situation in state. Protesters demanded resignation of state Health Min Mangal Pandey, formation of committee to investigate the situation due to AES&compensation for affected families pic.twitter.com/gBaBlcwFBN
— ANI (@ANI) June 23, 2019
इससे पहले 21 जून को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने मुजफ्फरपुर का दौरा किया था. उनके साथ राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय भी मौजूद रहे. लेकिन इसके बाद भी अस्पताल में मौतों का सिलसिला थमा नहीं है. ऐसा लग रहा है कि एक बार फिर 2014 की तरह इस साल भी बिहार में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) का कहर जारी है. साल 2014 में बिहार में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) की वजह से 350 से ज्यादा लोग मारे गए थे.