scorecardresearch
 

Kaimur: कोरोना ने रोक दिया था मूर्तियों का काम, अब कुम्हारों को दिवाली से उम्मीद

बिहार के कैमूर में बड़े स्तर पर मिट्टी के दीपक बनाये जा रहे हैं. कैमूर की गलियों में घूमते चाक से उतरते दीपक आपके घर को तो रोशन करेंगे ही साथ ही कुम्हारों के घर में भी खुशियां लायेंगे.

Advertisement
X
कोरोना ने बिगाड़ा था व्यवसाय, अब दिवाली से कुम्हारों को उम्मीद.
कोरोना ने बिगाड़ा था व्यवसाय, अब दिवाली से कुम्हारों को उम्मीद.
स्टोरी हाइलाइट्स
  • लॉकडाउन में काम धंधा हो गया चौपट
  • मिट्टी के दीयों की बिक्री से बड़ी उम्मीद

दिवाली का त्योहार 14 नवम्बर को मनाया जाएगा. रोशनी के इस त्योहार को लेकर बाजार सजने लगे हैं. कोरोना के बाद हुए लॉकडाउन को लेकर कुम्हारों के सामने रोजी रोटी का संकट हो गया था, अब उन्हें इस पर्व से बड़ी उम्मीद है. दिवाली को रोशन करने के लिए इन कुम्हारों ने मिट्टी के दीपक बनाने शुरू कर दिये हैं. 

बिहार के कैमूर में बड़े स्तर पर मिट्टी के दीपक बनाये जा रहे हैं. कैमूर की गलियों में घूमते चाक से उतरते दीपक आपके घर को तो रोशन करेंगे ही साथ ही कुम्हारों के घर में भी खुशियां लायेंगे. मिट्टी के दीपक तैयार करने के लिए ये लोग दिन रात मेहनत कर रहे हैं. उम्मीद है कि कोरोना लॉकडाउन के बाद जो धंधा पूरी तरह बंद हो गया था, वो दिवाली के त्योहार पर सुधर जायेगा. मिट्टी के दीपक बिकेंगे, तो उनके घर में लक्ष्मी का आगमन होगा. 

देखें: आजतक LIVE TV  

हालांकि दुर्गा पूजन पर मिट्टी के ​बर्तन बनाने वाले इन लोगों को बहुत उम्मीद थी, लेकिन प्रशासन की कोरोना गाइडलाइन को लेकर मूर्ति बनाने के ऑर्डर कैंसिल हो गए. अब दिवाली को लेकर इन लोगों ने फिर से तैयारी शुरू कर दी है. उन्हें उम्मीद है कि दिवाली उनके जीवन में रौनक लायेगी, लेकिन डर चाइनीज लाइटों का भी सता रहा है. 

Advertisement

कुम्हार तेजू प्रजापति का कहना है कि एक महीने पहले से तैयारियों में जुटे हुए हैं. पहले की अपेक्षा मिट्टी भी महंगी हो गई है, लेकिन उम्मीद है कि दिवाली पर होने वाली दीयों की बिक्री से अच्छी कमाई होगी. वहीं सुरेंद्र प्रजापति का कहना है कि मेहनत तो कर रहे हैं, लेकिन चाइनीज लाइटों का डर भी सता रहा है. कहीं ये लाइटें हमारे देसी दीयों की चमक पर भारी न पड़ जायें.

ये भी पढ़ें:

 

Advertisement
Advertisement