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पटना: JDU को बड़ा झटका, डेढ़ दर्जन नेता उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी RLJD में शामिल

जदयू के लगभग डेढ़ दर्जन नेता उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी राष्ट्रीय लोक जनता दल (RLJD) में शामिल हो गए. राष्ट्रीय लोक जनता दल में गया जिले के किसान प्रकोष्ठ के पूर्व जिला अध्यक्ष सतीश शर्मा, किसान प्रकोष्ठ के ही पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष राज किशोर सिंह समेत 17 नेता शामिल हुए. उपेंद्र कुशवाहा को केंद्र सरकार ने हाल ही में वीआईपी सुरक्षा दी है.

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उपेंद्र कुशवाहा-फाइल फोटो
उपेंद्र कुशवाहा-फाइल फोटो

बिहार की सियासत में उठा-पठक का दौर जारी है. मंगलवार को जनता दल (यू) के लगभग डेढ़ दर्जन नेता उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी राष्ट्रीय लोक जनता दल (RLJD) में शामिल हो गए. दरअसल, विरासत बचाओ यात्रा के पहले चरण के समापन के बाद RLJD के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा पटना पहुंचे और उन्होंने जनता दल (यू) के 17 नेताओं को अपनी पार्टी की सदस्यता दिला दी.

जदयू छोड़कर राष्ट्रीय लोक जनता दल में गया जिले के किसान प्रकोष्ठ के पूर्व जिला अध्यक्ष सतीश शर्मा, किसान प्रकोष्ठ के ही पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष राज किशोर सिंह, शिक्षा प्रकोष्ठ के पूर्व उपाध्यक्ष ई. शशिकांत, पूर्व प्रदेश महासचिव डॉ. संजय कुमार, मंजेश शर्मा समेत 17 नेता शामिल हुए.

ये नेता RLJP में हुए शामिल
ये नेता RLJP में हुए शामिल

उपेंद्र कुशवाहा Y + कैटेगरी की सुरक्षा
उपेंद्र कुशवाहा को केंद्र सरकार ने हाल ही में वीआईपी सुरक्षा दी है. कुशवाहा को Y + कैटेगरी की सुरक्षा दी गई है. सूत्रों के मुताबिक गृह मंत्रालय ने कुशवाहा को Y+ कैटेगरी की यह सुरक्षा IB रिपोर्ट के आधार पर दी है.

Y प्लस कैटेगरी की सुरक्षा में कुशवाहा को सुरक्षा में 11 कमांडो तैनात किए जाएंगे. इसमें 5 पुलिस के स्टैटिक जवान वीआईपी की सुरक्षा के लिए उनके घर और आसपास रहेंगे और साथ ही 6 पीएसओ तीन शिफ्ट में सुरक्षा करेंगे. इससे पहले गृह मंत्रालय द्वारा चिराग पासवान को Z कैटेगरी की सुरक्षा देने के अलावा विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के नेता मुकेश सहनी को Y+कैटेगरी की सुरक्षा दी जा चुकी है. 

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कुशवाहा को केन्द्र सरकार द्वारा वाई प्लस की सुरक्षा देने के बाद कई तरह की राजनीतिक अटकलें भी लगाई जा रही हैं. सूत्रों के मुताबिक जीतन राम मांझी को भी जल्द ही केंद्र की सुरक्षा मिल सकती है.

नीतीश से अलग होकर बनाई थी नई पार्टी 
उपेंद्र कुशवाहा ने नीतीश कुमार से नाराजगी की खबरों के बीच अपना रास्ता जदयू से अलग कर लिया था और नई पार्टी बनाने का ऐलान किया था. इसके साथ ही उन्होंने एमएलसी के पद से इस्तीफा भी दे दिया था. 2 साल पहले जदयू में शामिल होने वाले कुशवाहा लंबे वक्त से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से नाराज चल रहे थे. नीतीश सरकार में कुशवाहा को कोई मंत्री पद नहीं मिला था और जब कैबिनेट विस्तार हुआ तो तब भी उनकी अनदेखी की गई. इसके बाद धीरे-धीरे कुशवाहा नीतीश के खिलाफ मुखर होने लगे और बाद में उन्होंने जमकर नीतीश कुमार की आलोचना की थी. राजनीति के इतिहास में उपेंद्र कुशवाहा के 'दल बदल' की तस्वीर काफी पुरानी है.

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