बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अचानक चैती छठ के मौके पर बीजेपी एमएलसी संजय मयूख के घर पहुंच गए जिसके बाद राज्य में सियासी हवाओं के बदलने को लेकर अटकलों का बाजार गर्म हो गया है.
दरअसल संजय मयूख ने चैती छठ के मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अपने आवास पर आमंत्रित किया था जिसके बाद खड़ना का प्रसाद खाने नीतीश कुमार देर शाम उनके घर पहुंच गए.
वहां पहुंचने के बाद संजय मयूख ने हाथ जोड़कर उनका स्वागत किया जिसके बाद नीतीश कुमार ने भी मुस्कुरा कर उनका अभिवादन स्वीकार कर लिया. बता दें कि नीतीश कुमार के पिछले साल महागठबंधन में शामिल होने के बाद से ही आरजेडी नेता लगातार तेजस्वी यादव को सीएम बनाने के लिए नीतीश कुमार पर दबाव बना रहे थे.
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ऐसे में नीतीश कुमार बीते दिनों बेहद असहज नजर आ रहे थे. महागठबंधन सरकार बनने के बाद जो नीतीश कुमार सार्वजनिक कार्यक्रमों में तेजस्वी यादव को आशीर्वाद देते या फिर गले लगाते नजर आते थे और उन्हें बिहार का भविष्य बताते थे, वही नीतीश कुमार कुछ दिनों से तेजस्वी यादव से कई मुद्दों पर अलग राय रखते भी दिखे. जैसे कि गलवान जवान शहीद के पिता को जेल में डालने का मुद्दा हो या फिर तमिलनाडु में कथित तौर पर बिहारी मजदूरों की पिटाई का मामला.
राहुल गांधी के मामले में भी साधी चुप्पी
कांग्रेस के पूर्व सांसद राहुल गांधी को मानहानि के एक मामले में दोषी ठहराए जाने और उनकी संसद सदस्यता रद्द किए जाने पर ज्यादातर विपक्ष उनके समर्थन में उतर आए हैं लेकिन बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस मुद्दे पर चुप्पी साध रखी है.
राहुल गांधी की सजा और उनकी लोकसभा सदस्यता समाप्त करने के मुद्दे पर भाजपा पर हमला करने में नीतीश कुमार विपक्षी समूह में शामिल होने से क्यों कतरा रहे हैं? ऐसे में एक बार फिर कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या वह एक और राजनीतिक उलटफेर करने का अवसर तलाश रहे हैं?