बिहार में इन दिनों आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव की चर्चाएं तेज हैं. दरअसल बीते बुधवार को तेज प्रताप ने एक यूट्यूबर को इंटरव्यू देने के लिए बुलाया था. उन्होंने यूट्यूबर से बिना कैमरे के अंदर आने के लिए कहा. इसके बाद यूट्यूबर गाड़ी में बैठकर भाग गया, जिसका तेज प्रताप ने पीछा किया. ऐसा नहीं है कि लालू के बडे़ लाल पहली बार सुर्खियों में आए हैं, वो कभी किसी के खिलाफ तो कभी किसी के समर्थन में लगातार सुर्खियों में बने रहते हैं.
जीतन राम मांझी पर लगाया बदनाम करने का आरोप
तेज प्रताप यादव का आरोप है कि बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी के घर पर उन्हें बदनाम करने की साजिश रची जा रही है. इसीलिए जब यूट्यूबर भागा तो वह सीधा पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के घर चला गया. ऐसे में भागते हुए यूट्यूबर का तेज प्रताप ने पीछा किया और फिर जीतन राम मांझी के घर पहुंच गए जहां पर उस यूट्यूबर की गाड़ी बाहर खड़ी थी. तेज प्रताप ने कहा कि जीतन राम मांझी मुझे बदनाम करना चाहते हैं.
जगदानंद सिंह को बताया था हिटलर
तेज प्रताप ने अपने करीबी रहे आकाश यादव को बीते साल मई महीने में छात्र आरजेडी का प्रदेश अध्यक्ष बना दिया था. जब पटना में छात्र आरजेडी की बैठक हुई थी, तब आकाश और तेज प्रताप पोस्टर्स और बैनर्स में छाए हुए थे. इस पोस्टर में तेजस्वी यादव तक को जगह नहीं मिली थी. हालांकि आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने आकाश यादव को हटाकर गगन कुमार को छात्र आरजेडी का अध्यक्ष बना दिया था. छात्र राजद की कमान हाथ से छीने जाने के बाद तेजप्रताप यादव ने परिषद का गठन किया था. इसका चिह्न भी पैड पर जारी कर दिया था.
इस घटना के बाद से तेज प्रताप और प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह में विवाद यहां तक बढ़ गया था कि तेज प्रताप ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा था कि अगर जगदानंद के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती है तो मैं पार्टी के किसी भी कार्यक्रम में शामिल नहीं होऊंगा. उन्होंने छात्र आरजेडी के कार्यक्रम में जगदानंद सिंह को हिटलर भी बता दिया था.
शिवानंद तिवारी से भी हुआ था विवाद
एक समय था जब तेज प्रताप यादव की पार्टी अध्यक्ष पद पर निगाहें थी और तेजस्वी यादव से उनकी बात नहीं बन रही थी. तब दोनों भाइयों का विवाद सामने आ गया था. इसी विवाद में आरजेडी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी की भी एंट्री हो गई. शिवानंद तिवारी ने चौंकाने वाला बयान देते हुए कहा था कि तेज प्रताप यादव को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है. साथ ही बताया कि तेज प्रताप को पार्टी के आधिकारिक चिन्ह लालटेन के इस्तेमाल की भी मनाही कर दी गई है. हालांकि बाद में तेज प्रताप ने इस दावे को खारिज कर दिया था. उन्होंने कहा कि उन्हें पार्टी से निकालने की किसी में हिम्मत नहीं है. घर की अंदरूनी कलह पर कहा कि उनकी तेजस्वी से कोई लड़ाई नहीं है. वो इस समय केवल राजनीतिक लड़ाई लड़ रहे हैं.
2019 लोकसभा चुनाव के दौरान तेज प्रताप यादव ने लालू-राबड़ी मोर्चा के गठन का एलान कर दिया था. उन्होंने जहानाबाद और शिवहर से अपने उम्मीदवार खड़े करने की घोषणा कर दी. इसके साथ ही सारण सीट को लालू की पारंपरिक सीट बताकर उस सीट से मां राबड़ी देवी से चुनाव लड़ने का अनुरोध किया कि वे वहां से चुनाव लड़ें, ऐसा नहीं होने पर उन्होंने वहां से खुद को चुनाव मैदान में उतारने की बात कही. हालांकि सारण से आरजेडी ने तेज प्रताप के ससुर चंद्रिका राय को उम्मीदवार बनाया था.
साधु यादव को दी थी औकात में रहने की चेतावनी
तेजस्वी यादव की कथित तौर पर क्रिश्चियन युवती से शादी के बाद उनके मामा साधु यादव भड़के हुए थे. उन्होंने तेजस्वी को यादव समाज का कलंक बताया. साधु के इस बयान पर पलटवार करते हुए तेज प्रताप ने अपने मामा को कंस बताते हुए उन्हें औकात में रहने की चेतावनी दी थी. तेज प्रताप ने भोजपुरी में लिखा था कि रुकिए, हम बिहार आ रहे हैं, तुम्हारा गर्दा उड़ा देंगे. बुजुर्ग हैं, थोड़ा औकात में रहना सीखिए. पजामे से बाहर आने की जरूरत नहीं है. तेज प्रताप के बयान पर साधु यादव ने कहा था कि वो (तेज प्रताप) मेरे कंधे पर बैठकर खेला है और अब मुझे चैलेंज कर रहा है. हिम्मत है तो आमने-सामने बैठकर बात कर लें, सबकी पोल खोलकर रख देंगे.
सुशील मोदी को दी थी धमकी
तेज प्रताप ने तत्कालीन डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी को भी धमकी दी थी. सुशील मोदी ने अपने बेटे की शादी का कार्ड भेजा था, जिस पर तेजस्वी ने कहा था कि मैं वहां जाऊंगा और तोड़फोड़ मचाऊंगा. मैं सुशील मोदी को घर में घुसकर मारूंगा और उनकी पोल खोल दूंगा. तेज प्रताप की धमकी के बाद सुशील मोदी ने वैन्यू बदल दिया था. हालांकि बाद में तेज प्रताप ने कहा था कि हम कोई क्रिमिनल थोड़े ही हैं जो मारपीट करेंगे. उनके इस बयान के बाद सुशील मोदी ने ट्विटर पर ही लालू यादव से तेज प्रताप को समझाने की अपील की थी. इस पर लालू ने कहा था कि उन्हें तेज प्रताप से डरने की जरूरत नहीं है, वो आराम से अपने बेटे की शादी कर सकते हैं.
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