बिहार के रोहतास और औरंगाबाद के मदनपुर में पुलिस की गोलीबारी के खिलाफ औरंगाबाद जेल में कैदी अनशन पर हैं. कैदियों की मांग है कि गोलीबारी का शिकार हुए लोगों के परिजनों को मुआवजा दिया जाए. कैदियों ने एक अगस्त तक अनशन पर रहने की बात कही है. औरंगाबाद के जेल अधीक्षक टीएन राय ने सोमवार को बताया कि जेल में बंद करीब साढ़े चार सौ में से 90 कैदियों ने सोमवार को भोजन नहीं किया और अनशन पर बैठे रहे.
जानकारी के मुताबिक कैदियों का नेतृत्व जेल में बंद नक्सली नेता प्रमोद मिश्रा कर रहे थे. जेल आधीक्षक के मुताबिक, कैदियों ने 10 सूत्री मांग रखी है जिसमें रोहतास व मदनपुर में हुई पुलिस की गोलीबारी के दोषी पुलिसकर्मियों पर हत्या का मुकदमा चलाने, मारे गए ग्रामीणों को शहीद का दर्जा देने, मृतक के आश्रितों को 10 लाख और घायलों को पांच लाख रुपये मुआवजा देने की मांग रखी गई है.
इसके साथ ही कैदियों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांग नहीं मानी गई तो वे आंदोलन को और तेज करेंगे. गौरतलब है कि रोहतास और मदनुपर में पुलिस फायरिंग में दो-दो ग्रामीणों की मौत हो गई थी.