वक्फ बोर्ड में यूपी के मंत्री आजम खान के कथित हस्तक्षेप का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच लखनऊ में जमकर झड़प हुई. लाठीचार्ज के बाद लोगों ने पुलिस को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा. झड़प में एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई, जबकि 10 से ज्यादा लोग जख्मी हो गए.
दरअसल, प्रदर्शनकारी लखनऊ में आजम खान के घर का घेराव करने पहुंचे थे. इस दौरान पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर जमकर लाठियां भांजी. इसके बाद गुस्साए लोगों ने पुलिस को भी धुन डाला.
नगर विकास मंत्री आजम खान का आवास घेरने जा रहे शिया धर्मगुरु कल्बे जव्वाद और उनके सैंकड़ों समर्थकों पर जब पुलिस ने लाठीचार्ज किया, तो प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया. प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि उत्तर प्रदेश में शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अहम पदों पर भ्रष्टाचारियों को बैठाने की तैयारी की जा रही है. इसके विरोध में अलविदा जुमे की नमाज के बाद सूबे के वक्फ मंत्री आजम खां के आवास का घेराव करने जा रहे लोगों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया.
मौलाना जव्वाद ने पुलिस कार्रवाई पर कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा कि जुलूस शांतिपूर्ण ढंग से निकाला जा रहा था. लेकिन पुलिस ने आजम खां के कहने पर निर्दोष रोजेदार लोगों पर लाठीचार्ज किया, जिसमें अनेक लोग घायल हुए हैं. पुलिस के ज्यादती के शिकार लोगों में बुजुर्ग और बच्चे भी शामिल हैं.
उन्होंने आरोप लगाया, ‘आजखां के इशारे पर पुलिस ने अचानक आक्रामक रवैया अपना लिया.’
सूत्रों के मुताबिक पुलिस की इस कार्रवाई से नाराज मौलाना जव्वाद शहीद स्मारक के सामने धरने पर बैठ गए उनका कहना है कि या तो उन्हें आजम खां के आवास का घेराव करने के लिए जाने दिया जाए या फिर गिरफ्तार किया जाए.
मौलाना जव्वाद ने कहा कि शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चुनाव होने हैं और आजम खां उसके महत्वपूर्ण पदों पर ऐसे लोगों को बैठाना चाहते हैं, जो वक्फ सम्पत्तियों को लूटने का इरादा रखते हैं.
जव्वाद ने कहा कि समाजवादी पार्टी के प्रमुख मुलायम सिंह यादव, आजम खां को मुसलमानों का बहुत बड़ा नेता समझते हैं, जबकि सचाई यह है कि लोकसभा चुनाव में सपा की जो हार हुई है वह आजम की वजह से ही हुई है. जव्वाद ने दावा किया कि अगर चुनाव आयोग ने आजम पर पाबंदी नहीं लगाई होती, तो सपा को जो पांच सीटें मिली हैं, वह भी न मिलतीं.