
बिहार में विधानसभा चुनाव के बाद एकबार फिर से नीतीश कुमार के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की सरकार बन गई है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनके साथ 14 मंत्रियों ने 16 नवंबर को राजभवन में आयोजित समारोह में पद और गोपनीयता की शपथ ली. नई सरकार के गठन के बाद 23 नवंबर से नई विधानसभा का पहला सत्र शुरू हो रहा है.
विधानसभा सत्र की शुरुआत से पहले सरकार ने प्रोटेम स्पीकर के लिए पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी के नाम की सिफारिश की है. जीतनराम मांझी का प्रोटेम स्पीकर बनना लगभग तय माना जा रहा है. विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव होने तक प्रोटेम स्पीकर पर ही सदन की गतिविधियों के संचालन की जिम्मेदारी होती है.
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विधानसभा में प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति काफी कम समय के लिए होती है. प्रोटेम स्पीकर का कार्य नई विधानसभा के लिए निर्वाचित होकर आए विधानसभा सदस्यों को सदस्यता की शपथ दिलाना होता है. प्रोटेम स्पीकर नई विधानसभा के सुचारू संचालन के लिए अध्यक्ष का चुनाव होने तक उसके दायित्वों का निर्वहन करता है.

अक्सर विधानसभा के वरिष्ठ सदस्य को प्रोटेम स्पीकर की जिम्मेदारी सौंपी जाती है, लेकिन ऐसा कोई नियम नहीं है. ऐसा अक्सर देखने में आया है कि वरिष्ठ विधायकों के रहते हुए भी विधानसभा के लिए दूसरी या तीसरी दफे निर्वाचित हुए सदस्य को भी प्रोटेम स्पीकर की जिम्मेदारी सौंपी गई है.
सीएम रहे हैं जीतनराम मांझी
बिहार विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर के लिए सरकार की ओर से जीतनराम मांझी के नाम की सिफारिश की गई है. वे प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं में से एक हैं. जीतनराम मांझी विधानसभा सदस्य के रूप में भी लंबा अनुभव रखते हैं. वे प्रदेश सरकार में मंत्री भी रहे हैं और मुख्यमंत्री पद का दायित्व भी संभाल चुके हैं.