बिहार के मुजफ्फरपुर पोस्ट ऑफिस में जीडीएस (ग्रामीण डाक सेवक) पद पर बहाली में फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है. पुलिस ने फर्जी सर्टिफिकेट देने वाले 11 मुन्नाभाई सहित मुख्य आरोपी को गिरफ्तार किया है. सभी आरोपी डाकघर में नौकरी के लिए एक ही स्कूल से सर्टिफिकेट बनवाकर लाए थे. इस बात की जानकारी डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन में सामने आई है.
डाक सेवा के एक पदाधिकारी ने बताया कि डाक विभाग में जीडीएस पद के लिए भर्ती प्रक्रिया हुई थी. इसमें कई छात्रों का मेरिट लिस्ट में नाम आया था. इसको लेकर मंगलवार सुबह से शाम के छह बजे तक वेरिफिकेशन प्रक्रिया चली थी. इस दौरान 11 युवक जाली सर्टिफिकेट के साथ पकड़े गए. इन सभी का डॉक्यूमेंट वेरिफाई करवाया गया, जो जाली निकला.
नौकरी दिलाने कि लिए ढाई लाख रुपये में तय हुआ था सौदा
फर्जीवाड़ा करने वाले छह युवक सारण, दो गोपालगंज, एक सिवान, एक मोकामा और एक बक्सर का रहने वाला है. बक्सर के रहने वाले युवक ने पूछताछ में स्वीकार किया है कि यह सौदा ढाई लाख रुपये में तय हुआ था. छपरा के एक साइबर कैफे से फॉर्म भरा गया था. साइबर कैफे मालिक ने जाली सर्टिफिकेट बनाया था. नौकरी लगने के बाद ढाई लाख रुपए देने की बात हुई थी. मगर, इससे पहले वे लोग पकड़े गए.
मामले में नगर थाना प्रभारी श्रीराम सिंह ने बताया, "प्रधान डाकघर के कर्मचारी ने पोस्ट ऑफिस बहाली में फर्जीवाड़ा करने के मामले में एफआईआर दर्ज कराई है. इसके बाद पुलिस ने 11 लोगों को गिरफ्तारी किया गया है. इसमें सरगना के मुख्य आरोपी संतोष मिश्रा भी शामिल है. उसको छपरा से गिरफ्तार किया गया है. पूछताछ के आधार पर आगे की कानूनी करवाई की जाएगी."