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सुलक्षणा पंडित और जरीन कतरक... कार्डियक अरेस्ट से 2 दिन में गई दो सेलेब्स की जान, जानें ये हार्ट अटैक से कितना खतरनाक

Heart Health: कार्डिएक अरेस्ट एक ऐसी बीमारी है जिसमें दिल अचानक धड़कना बंद कर देता है. इस कंडीशन में शरीर के बाकी अंगों तक खून नहीं पहुंच पाता जिससे मरीज को बेहोशी, सांस रुकना या उसकी मौत तक हो सकती है. कार्डिएक अरेस्ट हार्ट अटैक से ज्यादा खतरनाक होता है.

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क्यों चंद पलों में जान ले सकता है कार्डिएक अरेस्ट (Photo: ITG)
क्यों चंद पलों में जान ले सकता है कार्डिएक अरेस्ट (Photo: ITG)

Cardiac Arrest causes and symptoms: हिंदी फिल्म इंडस्ट्री से दो बुरी खबरें सामने आई हैं. सत्तर और अस्सी के दशक में अपनी सुंदरता और आवाज से दिलों पर राज करने वाली सुलक्षणा पंडित का कल कार्डियक अरेस्ट से 71 साल में निधन हो गया. वहीं, एक दिन बाद आज फिल्म निर्माता संजय खान की पत्नी जरीन कतरक की भी कार्डियक अरेस्ट से मौत हो गई. दो दिन में दो सेलिब्रिटीज की इस खतरनाक कंडीशन ने जान ले ली. 

यूं तो इन दोनों ही सेलिब्रिटीज की उम्र ठीक-ठाक थी. लेकिन कार्डियक अरेस्ट उम्र देखकर नहीं आता. आंकड़े बताते हैं कि भारत में 40 साल से कम उम्र के भी लोगों में कार्डियक के केसेस देखे जा रहे हैं. पिछले कुछ समय से भारत में दिल की बीमारियों से जुड़े मामले तेजी से बढ़े हैं, खासकर कोरोना के बाद हार्ट अटैक हार्ट फेलियर और कार्डियक अरेस्ट जैसी कंडीशन्स ने बड़ी संख्या में लोगों की जान ली है. ऐसे में आज हम आपको बताएंगे कि कार्डियक अरेस्ट कितना खतरनाक है और इससे किस तरह बचा जा सकता है. 

हार्ट अटैक से कैसे अलग है कार्डिएक अरेस्ट

अमेरिका के ओहियो में स्थित मेडिकल सेंटर क्लीवलैंड क्लीनिक की एक रिपोर्ट के अनुसार, कार्डियक अरेस्ट एक इलेक्ट्रिकल समस्या है जिसके कारण आपका दिल धड़कना बंद कर देता है. वहीं, हार्ट अटैक (दिल का दौरा) तब पड़ता है जब दिल की मांसपेशियों में ब्लड का फ्लो अवरुद्ध हो जाता है. आसान शब्दों में कहें तो कार्डियक अरेस्ट एक इलेक्ट्रिकल प्रॉब्लम जबकि हार्ट अटैक एक ब्लड सर्कुलेशन से जुड़ी समस्या है. 

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कार्डियक अरेस्ट क्या है?

कार्डियक अरेस्ट में दिल धड़कना बंद कर देता है और जब दिल खून पंप नहीं कर पाता तो व्यक्ति बेहोश हो जाता है. कार्डियक अरेस्ट कुछ ही मिनटों में जानलेवा हो सकता है. इसलिए आसपास के लोगों को तुरंत मदद के लिए पुकारना चाहिए और सीपीआर शुरू करना चाहिए. किसी व्यक्ति के बचने की संभावना सबसे ज्यादा तब होती है जब उसे तुरंत मदद मिल जाए.

 शरीर के अंगों को लगातार ऑक्सिजन की जरूरत होती है. आपका खून उस ऑक्सीजन को पहुंचाता है. कार्डियक अरेस्ट (कार्डियोपल्मोनरी अरेस्ट) के दौरान आपका दिल खून पंप नहीं कर पाता और कुछ ही मिनटों में इससे आपके अंगों और पूरे शरीर पर मौत का खतरा मंडराने लगता है.

चूंकि कार्डियक अरेस्ट के दौरान लोग आमतौर पर बेहोश हो जाते हैं और कोई प्रतिक्रिया नहीं देते. इसीलिए इसे सडन कार्डियक अरेस्ट (SCA) भी कहा जाता है. अगर आपको तुरंत इलाज न मिले तो यह कंडीशन जानलेवा हो सकती है. 

कार्डियक अरेस्ट के कारण

कार्डिएक अरेस्ट दिल के इलेक्ट्रिल सिस्टम में गड़बड़ी के कारण होता है लेकिन इसके पीछे कई हार्ट कंडीशन्स जिम्मेदार हो सकती हैं. Abnormal heart rhythms आमतौर पर सडन कार्डियक अरेस्ट का कारण बनती हैं. इसमें सबसे आम जानलेवा कंडीशन वेंट्रिकुलर फिब्रिलेशन (ventricular fibrillation) है. इसके अलावा भी कई कंडीशन्स इसके पीछे जिम्मेदार होती हैं. 

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कार्डियोमायोपैथी
कई तरह की दवाएं
हार्ट अटैक
हार्ट फेलियर
कोकीन 
ब्रुगाडा सिंड्रोम
लॉन्ग क्यूटी सिंड्रोम
गंभीर बीमारी या चोट (ट्रॉमा) में अत्यधिक खून बहना

कार्डियक अरेस्ट के लक्षण 
बेहोशी 
दिल की धड़कन तेज होना
चक्कर आना
कमजोरी
बिना लक्षण अचानक भी कार्डिएक अरेस्ट आ सकता है

कार्डियक अरेस्ट से ठीक पहले क्या होता है
बेहोश होने से पहले आपको कार्डिएक अरेस्ट के लक्षण दिखाई दे सकते हैं. 

सीने में दर्द
मतली और उल्टी
सांस लेने में तकलीफ

कैसे बचाएं मरीज की जान

यह एक एमरजेंसी सिचुएशन है जिसमें कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) और डिफिब्रिलेशन (इलेक्ट्रिक शॉक देने वाली मशीन) जैसे ट्रीटमेंट दिए जा सकते हैं. सीपीआर आपके फेफड़ों में पर्याप्त ऑक्सिजन बनाए रखता है और इसे आपके दिमाग तक तब तक पहुंचाता है जब तक कि इलेक्ट्रिक शॉक दिल की धड़कनों को नॉर्मल नहीं कर देता है. सीपीआर और डिफिब्रिलेटर मरीज की जान बचा सकते हैं. 

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