पति-पत्नी के रिश्ते की डोर दो हाथों में रहती है. दो जिस्म-एक जां का वादा करने वाले लोग अब नये जमाने की नई इबारत लिख रहे हैं. हाल ही में एक्स्ट्रा-मैरिटल डेटिंग ऐप Gleeden के एक सर्वे ने जो खुलासा किया है, वो शादी में कमिटमेंट पर सोचने पर मजबूर करने वाला है.हालांकि इस तरह के सर्वे समाज को वृहद रूप से परिभाषित नहीं करते, फिर भी ऐसे विषयों पर बात करने का एक अवसर जरूर देते हैं.
इस सर्वे के अनुसार भारत में 40% शादीशुदा पुरुष डिजिटल अफेयर के रिश्ते में हैं. यानी शादी के बंधन में बंधे होने के बावजूद वे डेटिंग ऐप्स के जरिए दूसरों से रिश्ते जोड़ रहे हैं. इसके पीछे की वजहों पर बात जरूर होनी चाहिए, आखिर लोग क्यों इस तरह की राह चुन रहे हैं? क्या यह सिर्फ रोमांच की तलाश है या रिश्तों में कमिटमेंट में आई कमी? आइए एक्सपर्ट से समझते हैं.
सर्वे ने क्या कहा?
फ्रांस-आधारित एक्स्ट्रा-मैरिटल डेटिंग ऐप ने 2024 में 1,503 शादीशुदा भारतीयों (25 से 50 साल की उम्र) पर एक सर्वे किया. इसमें टियर-1 और टियर-2 शहरों के लोग शामिल थे. सर्वे में सामने आया कि 60% से ज्यादा लोग गैर-पारंपरिक डेटिंग की ओर बढ़ रहे हैं, जिसमें स्विंगिंग और ओपन रिलेशनशिप जैसे कॉन्सेप्ट शामिल हैं. इसमें सबसे चौंकाने वाली बात यह थी कि 40% शादीशुदा पुरुष डिजिटल अफेयर में लिप्त हैं यानी वे डेटिंग ऐप्स के जरिए किसी और के साथ इमोशनल या फिजिकल रिश्ते बना रहे हैं.
Gleeden की कंट्री मैनेजर साइबिल शिडेल का कहना है कि यह सर्वे आज के भारतीय रिश्तों की जटिलता को दर्शाता है. लोग अब प्यार, कमिटमेंट और व्यक्तिगत खुशी को नए तरीके से परिभाषित कर रहे हैं.
क्यों बढ़ रहा है डिजिटल अफेयर का ट्रेंड?
डिजिटल अफेयर का बढ़ता चलन कई सामाजिक और मनोवैज्ञानिक कारणों से जुड़ा है. एक तरफ आज की तेज रफ्तार जिंदगी में लोग अपनी भावनात्मक जरूरतों को पूरा करने के लिए नए रास्ते तलाश रहे हैं. इसे सिर्फ टेक्नोलॉजी का असर तो नहीं कहा जा सकता है, इसके पीछे कुछ गहरे कारण भी हैं.
क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉ हर्षिता गुप्ता कहती हैं कि शादी के बाद कई जोड़े एक-दूसरे से भावनात्मक रूप से दूर हो जाते हैं. लंबे समय तक एक ही रूटीन, बच्चों की जिम्मेदारियां और करियर का प्रेशर कई बार रिश्ते में बोरियत ला देता है. ये बोरियत स्त्री और पुरुषों दोनों के मामले में कही जा सकती है, लेकिन आज भी सामाजिक तौर पर पुरुषों को डिजिटल अफेयर जैसी सुगमता ज्यादा मिली हुई है.
डॉ हर्षिता कहती हैं कि शादीशुदा जिंदगी में एकरसता अक्सर रोमांच की तलाश में डेटिंग ऐप्स की ओर ले जाती है. डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर नए लोगों से मिलना, फ्लर्ट करना और एक नया रिश्ता शुरू करना उन्हें रोमांच का अहसास देता है. वहीं आज की पीढ़ी में कमिटमेंट को लेकर बदलते नजरिए ने भी डिजिटल अफेयर को बढ़ावा दिया है.
भरोसा टूटना खतरनाक
मनोचिकित्सक डॉ अनिल शेखावत कहते हैं कि रिश्तों में कम्युनिकेशन का अभाव भी कमिटमेंट को कमजोर करता है. जब जोड़े अपनी भावनाओं को एक-दूसरे से शेयर नहीं करते, तो वे बाहर दूसरों में सहारा ढूंढने लगते हैं. आज की लाइफस्टाइल में लोग अपनी भावनात्मक जरूरतों को नजरअंदाज कर देते हैं. शादी के बाद जिम्मेदारियां बढ़ती हैं, लेकिन कपल्स एक-दूसरे को वक्त देना भूल जाते हैं. डिजिटल अफेयर इसकी एक वजह है, क्योंकि यह एक आसान रास्ता देता है लेकिन यह रिश्ते की असल समस्या को हल नहीं करता, बल्कि उसे और बढ़ाता है
क्या है इसका असर?
मनो वैज्ञानिक डॉ विधि एम पिलनिया कहती हैं कि डिजिटल अफेयर का रिश्तों पर गहरा असर पड़ता है. भले ही यह शुरू में रोमांचक लगे लेकिन जब पार्टनर को इसकी भनक लगती है तो रिश्ते में भरोसा टूट जाता है. कई बार यह तलाक तक पहुंच जाता है. साथ ही, बच्चों पर भी इसका बुरा असर पड़ता है.
ऐसे रिश्तों को कैसे बचाएं
अपनी भावनाओं को पार्टनर से शेयर करें, रिश्ते में कम्युनिकेशन की कमी को दूर करें.
एक-दूसरे के लिए वक्त निकालें. छोटी-छोटी चीजें जैसे साथ डिनर करना या वॉक पर जाना रिश्ते को मजबूत कर सकता है.
अगर रिश्ते में दिक्कतें ज्यादा हैं, तो प्रोफेशनल मदद लेने से हिचकिचाएं नहीं.