Chikungunya Virus Outbreak in China: चीन मच्छरों से फैलने वाले चिकनगुनिया वायरल संक्रमण के अब तक के सबसे भीषण प्रकोप का सामना कर रहा है. यह प्रकोप दक्षिणी ग्वांगडोंग प्रांत के फोशान शहर में फैला है जहां सिर्फ जुलाई महीने में ही 3100 से अधिक मामले सामने आए हैं. इस क्षेत्र की गर्म और आर्द्र जलवायु मच्छरों के प्रजनन के लिए आदर्श परिस्थितियां पैदा करती है, जिससे यह बीमारी तेजी से फैल रही है. कहा जा रहा है कि 20 साल पहले चीन में इस वायरस का पहली बार पता चलने के बाद से यह चिकनगुनिया का सबसे बड़ा प्रकोप है. बढ़ते खतरे को देखते हुए ग्वांगडोंग के स्थानीय अधिकारियों ने मच्छरों को दूर रखने के उपाय अपनाने को कहा है और साथ ही लोगों से फूलों के गमलों, कंटेनरों और नालियों से जमा पानी निकालने का आग्रह किया है ताकि मच्छरों के प्रजनन स्थलों को कम किया जा सके.
चीन में चिकनगुनिया का प्रकोप क्यों है?
चीनी स्वास्थ्य अधिकारियों ने मामलों में अचानक वृद्धि के पीछे का सटीक कारण नहीं बताया है. हालांकि, एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह प्रकोप संभवतः जलवायु परिस्थितियों और लोगों की कमजोर इम्यूनिटी के कॉम्बिनेशन के कारण है.
लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन एंड ट्रॉपिकल मेडिसिन के असिस्टेंट प्रोफेसर रॉबर्ट जोन्स ने कहा, 'चीन में चिकनगुनिया के मामलों की अचानक वृद्धि संभवतः अनुकूल जलवायु परिस्थितियों के कारण है जो एडीज मच्छरों की आबादी को पनपने का मौका देती हैं. ये मच्छर गर्म, गीले मौसम में पनपते हैं और दिन में लोगों को काटते हैं और ग्वांगडोंग का गर्म और आर्द्र मौसम मच्छरों के लिए प्रजनन की आदर्श जगह है.'
WHO ने क्या दी चेतावनी
चीन में यह प्रकोप एक व्यापक वैश्विक प्रवृत्ति का हिस्सा है. इस साल दुनिया के कई हिस्सों में चिकनगुनिया के मामलों में भारी वृद्धि हुई है. यूरोपीय रोग निवारण एवं नियंत्रण केंद्र (सीडीसी) के अनुसार, 2025 तक अब तक 14 देशों में चिकनगुनिया के 2.20 लाख से अधिक मामले सामने आ चुके हैं और 80 मौतें हुई हैं.
फ्रांस और इटली जैसे देशों में भी जो जगह उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों से दूर हैं, इस साल स्थानीय रूप से वहां भी चिनकगुनिया के मामले सामने आई हैं जो जलवायु परिवर्तन और बढ़ती यात्राओं के कारण वायरस के बढ़ते प्रभाव की ओर इशारा करता है.
WHO ने हाल ही में चिकनगुनिया पर तत्काल कार्रवाई का आह्वान करते हुए चेतावनी दी है कि 119 देशों में 5 अरब से अधिक लोग चिकनगुनिया के खतरे वाले क्षेत्रों में रह रहे हैं. लंदन बेस्ड एयरफिनिटी की डिसीज फोरकास्ट एक्सपर्ट पेट्रीसिया गैलेगो डेलगाडो (Patricia Gallego Delgado) ने कहा, 'चिकनगुनिया की लहर इसलिए आ रही है क्योंकि इन क्षेत्रों में कई लोग पहले कभी वायरस के संपर्क में नहीं आए होंगे. जनसंख्या की कमजोर इम्यूनिटी के कारण वायरस तेजी से फैल सकता है.'
चिकनगुनिया क्या है और इसकी पहचान कब हुई थी?
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, चिकनगुनिया से तेज बुखार और जोड़ों में तेज दर्द होता है जो हफ्तों या महीनों तक रह सकता है. अन्य लक्षणों में सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, उल्टी और अत्यधिक थकान शामिल हैं. कई मामलों में इससे मौतें भी हुई थीं. चिकनगुनिया की पहली बार पहचान 1952 में तंजानिया में हुई थी. यह एडीज मच्छरों के काटने से इंसानों में फैलता है. एडीज मच्छरों की वही प्रजाति है जो डेंगू और जीका वायरस फैलाती है. यह लंबे समय तक चलने वाली तकलीफ गठिया जैसी हो सकती है और रोज़मर्रा की ज़िंदगी को काफ़ी प्रभावित कर सकती है.
चीन की बात करें तो वहां पर पहला केस ग्वांगडोंग एयरपोर्ट में 2008 में सामने आया था. पहला स्थानीय संक्रमण 2010 में पुष्टि हुआ था और उसके बाद उसी प्रांत में 253 लोग भी चिकनगुनिया से संक्रमित हुए थे. तब से, अब तक केवल कुछ ही मामले देखे गए थे जिनमें से अधिकतर युन्नान और फुजियान प्रांतों में थे.