
सोशल मीडिया पर दो तस्वीरों का एक कोलाज काफी वायरल हो रहा है. बायीं ओर वाली फोटो में एक मेज पर 500 रुपए के नोटों की ढेर सारी गड्डियां रखी दिख रही हैं, जिसके पास मुस्कुराता हुआ एक शख्स खड़ा है. वहीं, दूसरी फोटो एक पादरी की है.
इसे शेयर करते हुए कई लोग ऐसा कह रहे हैं कि हाल ही में केरल के एक चर्च में पड़ी ईडी की रेड के दौरान 7000 कारोड़ रुपए का काला धन बरामद हुआ. साथ ही, लोग आरोप लगा रहे हैं कि मीडिया ने इस मामले पर कोई खबर न छापकर चुप्पी साध ली है.
ऐसे ही एक फेसबुक पोस्ट में लिखा है, “ईडी ने केरल लिनी बेलोरियन चर्च से 7000 करोड़ रुपये की काली कमाई जब्त की है. योहानन नाम का एक बिशप इसे चलाता है. अभी तक ये मामला कहीं भी खबरों में नहीं आया है. अगर 700 करोड़ छोड़ 7 करोड़ रुपए भी किसी हिंदू स्वामी जी से मिल जाता तो न्यूज़ चैनल 48 घंटे तक इसी काम में नंगा हो नाचने लगते.” इसका आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.

आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि न तो ये घटना हालिया है, और न ही इस रेड के दौरान 7000 करोड़ रुपये की राशि जब्त हुई थी. साल 2020 में केरल के बिलीवर्स ईस्टर्न चर्च पर आयकर विभाग की रेड पड़ी थी, जिसमें 6 करोड़ रुपये जब्त होने की बात सामने आई थी. साथ ही, इस मामले को लेकर उस वक्त कई खबरें भी छपी थीं.
कैसे पता लगी सच्चाई?
कीवर्ड सर्च की मदद से हमें इस बारे में छपी साल 2020 की एक न्यूज रिपोर्ट मिली. इसके मुताबिक, 5 नवंबर 2020 को आयकर विभाग ने तिरुवल्ला, केरल में स्थित बिलीवर्स ईस्टर्न चर्च से जुड़े कार्यालयों में छापा मारा था. ये चर्च मेट्रोपॉलिटन बिशप के. पी. योहानन के नेतृत्व में चलता है.
इसके बाद हमें इस मामले से जुड़ी और भी कई खबरें मिलीं. दरअसल, 5 नवंबर 2020 को आयकर विभाग ने केरल सहित तमिलनाडु, तेलंगाना, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, चंडीगढ़, और पंजाब के 66 कार्यालयों और संस्थानों पर एक साथ छापा मारा था. ये सभी इस चर्च से जुड़े हुए थे.
रिपोर्ट्स में बताया गया है कि ये छापे इसलिए मारे गए थे क्योंकि सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (CBDT) को ये जानकारी मिली थी कि इस चर्च को गरीबों की मदद करने के लिए विदेशों से जो डोनेशन मिलता था, वो उसे अपने निजी खर्चे और रियल एस्टेट के लेनदेन में इस्तेमाल करता है. ये चर्च कथित तौर पर दान में मिल रहे करोड़ों रुपयों पर बिना कोई टैक्स दिए, उन्हें अवैध तरीके से खर्च कर रहा था.
6 नवंबर 2020 को आई सरकार की प्रेस रिलीज के मुताबिक, इस छापेमारी के दौरान आयकर विभाग को कुल 6 करोड़ रुपए मिले थे, जिसमें से 3.85 करोड़ रुपए दिल्ली में स्थित एक धार्मिक स्थल से बरामद किये गए थे. वहीं, 7 नवंबर 2020 को छपी ‘द इंडियन एक्स्प्रेस’ की खबर में ये राशि बढ़कर 8 करोड़ तक पहुंच गई थी.
इस रेड के बारे में उस वक्त छपी खबरों में वायरल कोलाज के बायीं ओर वाली तस्वीर के साथ-साथ, छापेमारी से जुड़ी और भी कई तस्वीरें मौजूद हैं. वहीं, कोलाज के दायीं ओर वाली फोटो इसी चर्च के मेट्रोपॉलिटन बिशप के. पी. योहानन की है.