आप संयोजक अरविंद केजरीवाल की रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मुखौटा लगाकर घूमते एक शख्स का वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल है. ऐसा कहा जा रहा है कि ये गुजरात में हाल ही में आयोजित आम आदमी पार्टी की रैली का नजारा है.
वीडियो में अरविंद केजरीवाल कुछ लोगों के साथ पैदल चलते हुए दिख रहे हैं. उन्हीं में से कुछ अपने हाथ ऊपर करके नारे भी लगा रहे हैं. अचानक सबसे आगे चल रहा शख्स पीएम मोदी का मुखौटा लगा लेता है. कैमरा जूम होकर उसके चेहरे पर ठहर जाता है. केजरीवाल भी उसकी तरफ देखकर मुस्कुराने लगते हैं.
इस वीडियो को पोस्ट करते हुए कई सारे लोग केजरीवाल और आम आदमी पार्टी पर तंज कस रहे हैं. जैसे, एक ट्विटर यूजर ने इसे पोस्ट करते हुए लिखा, "इसी बीच गुजरात में केजरीवाल के रोड शो में जाने वाले लोग कुछ ऐसा कर रहे हैं."

इस पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.
इंडिया टुडे फैक्ट चेक ने पाया कि ये वीडियो न तो हाल-फिलहाल का है और न ही गुजरात का है. ये कम से कम ढाई साल पुराना वीडियो है और 2020 के दिल्ली विधानसभा चुनाव से संबंधित है.
कैसे पता लगाई सच्चाई?
वायरल वीडियो में ऊपर दाहिनी तरफ एक जगह 'आकाश सागर' लिखा हुआ देखा जा सकता है.

इस जानकारी की मदद से कीवर्ड सर्च करने पर हमें ये वीडियो आकाश सागर नामक एक वीडियो क्रिएटर के इंस्टाग्राम पेज पर मिला. यहां पर इसे 26 जनवरी, 2020 को शेयर किया गया था. इस पोस्ट में दिल्ली की लोकेशन डाली गई थी और साथ ही कैप्शन में '#delhielections2020' '#comedy' और '#funnymemes' जैसे हैशटैग्स लिखे गए थे. इन्हें देखकर लगता है कि ये वीडियो साल 2020 में हुए दिल्ली चुनावों के वक्त का है जिसे मनोरंजन के लिए बनाया गया था.
आकाश सागर ने 9 अप्रैल, 2020 को इस वीडियो में इस्तेमाल हुआ मोदी का मुखौटा लगाते हुए एक दूसरा वीडियो पोस्ट किया था. इसके साथ लिखा था, "ये सबको याद रहेगा." इस वीडियो में भी केजरीवाल की रैली वाले वीडियो के कुछ दृश्य देखे जा सकते हैं.
ये वीडियो आकाश ने फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर भी शेयर किया था.
साल 2020 में इस वीडियो के बारे में 'टाइम्स नाउ' और 'न्यूज 18' जैसी मीडिया वेबसाइट्स में खबरें भी छपी थीं. सभी जगह इसे दिल्ली विधानसभा चुनाव से संबंधित ही बताया गया था.
साल 2020 में दिल्ली के विधानसभा चुनाव आठ फरवरी को हुए थे. हमें इस वीडियो के आगामी गुजरात चुनाव से संबंधित होने का कोई प्रमाण नहीं मिला. साफ है, दिल्ली के करीब ढाई साल पुराने वीडियो को आगामी गुजरात चुनाव से जोड़कर पेश किया जा रहा है.