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फैक्ट चेक: साधु-संतों ने शिवराज सरकार के पक्ष में प्रचार करने से नहीं किया इंकार, ये वीडियो एडिटेड है

सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है. इस वीडियो में दावा किया जा रहा है कि साधु-संतों ने शिवराज सरकार के पक्ष में प्रचार करने इंकार कर दिया है. जब हमने वीडियो की पड़ताल की तो मामला कुछ और निकला, जानिए क्या है पूरी सच्चाई-

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आजतक फैक्ट चेक

दावा
वीडियो में देखा जा सकता है कि साधु-संतों ने एक मीटिंग के दौरान मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान के पक्ष में प्रचार करने से इंकार कर दिया.
सोशल मीडिया यूजर्स
सच्चाई
ये वीडियो एडिटेड है. असली वीडियो साल 2020 का है जब शिवराज, साधु-संतों के साथ कोरोना संकट पर चर्चा कर रहे थे.

सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो के जरिये कुछ लोग कह रहे हैं कि संत-महात्माओं ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और बीजेपी के पक्ष में प्रचार-प्रसार करने से इंकार कर दिया है. वीडियो में शिवराज किसी मीटिंग रूम में कुछ लोगों के साथ बैठे हैं. सामने लगे एक स्क्रीन पर कई साधु-संत नजर आ रहे हैं. ऐसा लग रहा है कि ये सभी साधु-संत, शिवराज के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये जुड़े हैं.

इसमें शिवराज कहते दिखते हैं, "सभी साधुओं, महंतों को मेरा प्रणाम. आप लोग मध्य प्रदेश में सनातन धर्म का प्रचार-प्रसार बहुत अच्छे से कर रहे हैं. मेरी आप लोगों से एक विनती है, मुझे और मेरी पार्टी को आपके आशीर्वाद की जरूरत है. चुनाव बहुत नजदीक है. मैं और हमारी पार्टी के लोग चाहते हैं, आप लोग हमारी पार्टी के लिए प्रचार-प्रसार करें. हमारे लिए प्रदेश की जनता से वोट अपील करें."

इसके जवाब में एक संत कहते हैं, "जय महाकाल, देखिये शिवराज जी, हम लोग सनातन धर्म के प्रचारक हैं. और धर्म का प्रचार-प्रसार हमेशा करते रहेंगे. लेकिन प्रदेश की जनता आपके कार्यों से काफी निराश है. और इस बार अगर आपकी पार्टी की सीट निकाल पाना काफी मुश्किल लग रहा है. ऐसा लग रहा है कि इस बार पार्टी 50-60 सीटों में ही सिमट जाएगी. बाकी महाकाल जानें."    

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इस वीडियो को शेयर करते हुए कई सोशल मीडिया यूजर्स शिवराज सिंह चौहान पर तंज कस रहे हैं. मिसाल के तौर पर, एक ट्विटर यूजर ने इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा, "वायरल वीडियो संत महात्माओं ने शिवराज और बीजेपी के पक्ष में प्रचार करने से किया इंकार, संत बोले इस बार बीजेपी 50 सीटों में ही सिमट जायेगी."

इस पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां  देखा जा सकता है.

आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि ये वीडियो एडिटेड है. असली वीडियो अप्रैल, 2020 का है. उस वक्त शिवराज, प्रदेश में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों की वजह से अलग-अलग वर्गों के लोगों के साथ मीटिंग और सलाह-मशवरा कर रहे थे.

कैसे पता लगाई सच्चाई?  

अगर आप इस वीडियो को ध्यान से देखें तो इसमें शिवराज और साधुओं के बोलते वक्त उनके होठों का मूवमेंट, ऑडियो से मेल नहीं खा रहा है. इससे, इसके नकली होने का शक पैदा होता है. इसके अलावा, वीडियो पर कमेंट करने वाले कई लोग भी इसके फर्जी होने की बात कह रहे हैं.

एक और खास बात ये भी है कि वीडियो में शिवराज ने मास्क पहना हुआ है, हालांकि उन्होंने उसे नीचे कर रखा है. जिस मीटिंग रूम में वो बैठे हैं, उसमें मास्क पहने हुए एक अन्य शख्स भी है. वो दूसरा शख्स शिवराज से काफी दूरी पर बैठा है, जिसे देखकर लगता है कि यहां सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जा रहा है. इन बातों को देखकर ऐसा मालूम होता है कि ये कोरानाकाल के दौरान की किसी मीटिंग का वीडियो हो सकता है.

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इस जानकारी के आधार पर कीवर्ड सर्च करने से हमें एक ऐसा वीडियो मिला जिसे शिवराज सिंह चौहान के फेसबुक पेज से 28 अप्रैल, 2020 को लाइव किया गया था. यहां बताया गया है कि ये मीटिंग कोविड-19 की चुनौतियों के बारे में चर्चा के लिए आयोजित की गई थी. इस पूरे वीडियो में सिर्फ ये बातचीत होती है कि कोविड-19 महामारी से पैदा हुए संकट से निपटने में धर्म और अध्यात्म का क्या योगदान हो सकता है.  

इस मीटिंग में स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज और स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज जैसे देशभर के आध्यात्मिक गुरु शामिल हुए थे.

शिवराज ने इस मीटिंग से संबंधित एक और फेसबुक पोस्ट के जरिये बताया कि इसमें किस संत ने क्या कहा.

इस मीटिंग के बारे में उस वक्त कई खबरें भी छपी थीं. अगर वाकई में इस मीटिंग में संतों ने शिवराज या बीजेपी के विरोध में कोई बात कही होती, तो उसका जिक्र खबरों में जरूर हुआ होता. लेकिन हमें ऐसा कुछ भी नहीं मिला.

जाहिर है, कोरोना काल के दौरान के एक पुराने वीडियो को एडिट करके शेयर किया जा रहा है और कहा जा रहा है कि साधु-संतों ने सीएम शिवराज सिंह चौहान और बीजेपी के पक्ष में प्रचार करने से साफ इंकार कर दिया.

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