भारतीय क्रिकेट के दिग्गज खिलाड़ियों सचिन तेंदुलकर और सुनील गावस्कर ने पूर्व कप्तान मंसूर अली खां पटौदी के निधन को ‘क्रिकेट जगत के लिये अपूरणीय क्षति’ करार दिया जिसकी भरपाई करना बहुत मुश्किल होगा. तेंदुलकर ने कहा कि क्रिकेट जगत को इस नायक की बहुत कमी खलेगी. उन्होंने शोक संदेश में कहा, ‘यह क्रिकेट जगत के लिये अपूरणीय क्षति है. मुझे उनसे कुछ अवसरों पर मिलने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था. विश्व क्रिकेट को उन जैसे नायक की कमी खलेगी. मैं वास्तव में उनका बहुत सम्मान करता था.’
गावस्कर ने पटौदी के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है. उन्होंने पटौदी को अपनी पीढ़ी का सबसे करिश्माई क्रिकेटर करार दिया. गावस्कर ने बयान में कहा, ‘यह बहुत दुखद समाचार है. कुछ सप्ताह पहले ही हमने उन्हें इंग्लैंड में पटौदी ट्राफी के लिये पुरस्कार वितरण समारोह में देखा था और वह अच्छे दिख रहे थे. इसलिए यह खबर सकते में डालने वाली है.’ उन्होंने कहा, ‘टाइगर पटौदी अपनी पीढ़ी के सबसे करिश्माई क्रिकेटर थे. एक आंख से लगभग ना के बराबर देखने के बावजूद उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में करीब 3000 रन बनाये और छह शतक जड़े जो आपको यह बताता है कि वह कितने महान खिलाड़ी थे. उनकी बहुत कमी खलेगी और यह क्रिकेट की अपूरणीय क्षति है.’
एक अन्य पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने पटौदी को उनकी शैली और गरिमा के लिये याद किया. उन्होंने कहा, ‘पटौदी के निधन का समाचार सुनकर मैं बहुत दुखी हूं. मैं उनके परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं. उनकी आत्मा को शांति मिले.’
पाकिस्तान के पूर्व कप्तान इमरान खान ने भी पटौदी के निधन पर गहरा शोक जताया है. उन्होंने कहा, ‘मंसूर अली खां के बारे में सुनकर मुझे बहुत दुख हुआ. टाइगर पटौदी आक्सफोर्ड से थे और एक आंख गंवाने के बावजूद वह क्रिकेट के सर्वकालिक महान खिलाड़ियों में से एक थे.’
बायें हाथ के पूर्व स्पिनर और पटौदी के साथी खिलाड़ी बापू नाडकर्णी ने कहा कि पटौदी को उनके खेल के दिनों में गलत समझा गया. उन्होंने कहा, ‘वह ऐसे व्यक्ति थे जिन्हें गलत समझा गया. जब वह इंग्लैंड से आये तो टीम के कई खिलाड़ियों को पता नहीं था कि उन्हें एक आंख से दिखायी नहीं देता है. वह अकेले रहने वाले व्यक्ति थे लेकिन वह अच्छे इंसान थे.’ उन्होंने कहा, ‘उन दिनों अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का बहुत उच्च स्तर की हुआ करती थी और मैं इसलिये हैरान रहता था कि एक आंख, एक कंधे और एक जांघ के प्रभावित होने के बावजूद वह इतना अच्छा खेलते थे.’