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लंदन ओलंपिक: निर्भीक होकर खेलेंगे विकास

भारतीय मुक्केबाज विकास कृष्णन को लंदन ओलंपिक में अपनी निर्भीकता की बदौलत पदक जीतने का भरोसा है. विकास, विजेंद्र के बाद ऐसे दूसरे भारतीय मुक्केबाज हैं जिन्होंने विश्व चैंपियनशिप में पदक जीता है.

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विकास कृष्णन
विकास कृष्णन

भारतीय मुक्केबाज विकास कृष्णन को लंदन ओलंपिक में अपनी निर्भीकता की बदौलत पदक जीतने का भरोसा है. विकास, विजेंद्र के बाद ऐसे दूसरे भारतीय मुक्केबाज हैं जिन्होंने विश्व चैंपियनशिप में पदक जीता है. विजेंद्र की तरह वह भी भिवानी के ही रहने वाले हैं और 69 किलोग्राम वर्ग में उन्हें पदक का प्रबल दावेदार माना जा रहा है.

विकास ने बताया, 'इस समय मेरे दिमाग में बस स्वर्ण पदक जीतने की बात चल रही है. मैं पहली बार ओलंपिक खेलों में भाग ले रहा हूं और मैं यह करना चाहता हूं. पिछले महीने जब पूरी टीम आयरलैंड में अभ्यास कर रही थी तब मैं देश में ही अपनी तैयारियों और परीक्षा में जुटा था. मैं ज्यादा लंबे समय तक घर से दूर रहना नहीं चाहता और इससे मुझे काफी मदद मिली है.'

विकास कहते हैं, 'मेरा विरोधी भले ही दुनिया का अव्वल मुक्केबाज हो लेकिन मैं उससे डरता नहीं हूं. मैं अपनी बाउट से पहले ज्यादा तैयारियां नहीं करता. मैं बस अपने काम और अपने कोच की सलाह पर ध्यान देता हूं. मैं ज्यादातर बाकी मुक्केबाजों की तरह अपने विरोधी मुक्केबाजों के वीडियो भी नहीं देखता. यह तरीका अभी तक मेरे काम आया है और मुझे उम्मीद है आगे भी यह काम करेगा.'

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10 साल की आयु में मुक्केबाजी के दस्ताने पहनने से पहले विकास एथलेटिक्स और बैडमिंटन में दिलचस्पी रखते थे.

छह महीने के भीतर ही उन्होंने राज्य स्तर की एक प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीत लिया था.

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