अजलन शाह कप में कांस्य पदक जीतने वाली भारतीय हाकी टीम का कल रात यहां पहुंचने पर छत्रपति शिवाजी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर गर्मजोशी से स्वागत किया गया. पांच बार की चैंपियन भारतीय टीम टूर्नामेंट में बमुश्किल कांस्य पदक जीत सकी.
कोच नोब्स ने टीम के प्रदर्शन के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘हमें कठिन टीमों के खिलाफ अधिक मैच खेलने होंगे.’
भारत ने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कांस्य पदक के प्लेऑफ मुकाबले में किया जहां उसने अपने से बेहतर रैंकिंग वाले ब्रिटेन को 3-1 से हराया. इससे पहले लीग चरण में ब्रिटेन ने उसे हराया था.
नोब्स ने मैच के बाद कहा था, ‘मैं बहुत खुश हूं. यह अच्छी जीत थी और हम यहां पदक जीतना चाहते थे. खिताब जीतना सर्वश्रेष्ठ होता लेकिन पदक जीतना भी खराब नहीं कहा जायेगा.’
टीम छह और सात जून को पुणे के बालेवाड़ी में दो दिवसीय चयन शिविर में भाग लेगी. इसके बाद लंदन ओलंपिक के लिये 16 सदस्यीय टीम चुनी जायेगी.
सबसे पहले यह तय करना है कि टीम को भरत छेत्री और पी एस श्रीजेश के रूप में दो गोलकीपरों की जरूरत है या नहीं. इसके अलावा युवा स्ट्राइकर युवराज वाल्मीकि को टीम में लेना है या नहीं जो दिल्ली में ओलंपिक क्वालीफायर के दौरान मांसपेशी में आये खिंचाव से उबर नहीं सका है.
वाल्मीकि को घायल गुरविंदर सिंह चांडी के विकल्प के तौर पर मलेशिया भेजा गया था.
नोब्स ने कहा, ‘हमें कठिन टीमों के खिलाफ अधिक अभ्यास की जरूरत है. मैं चाहूंगा कि हम हालैंड, जर्मनी और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अधिक खेलें. यदि आपको सर्वश्रेष्ठ टीम बनना है तो सर्वश्रेष्ठ टीमों के खिलाफ खेलना होगा. कभी कभी हारकर भी सीखते हैं.’
उन्होंने स्वीकार किया कि ओलंपिक के लिये टीम चुनना कठिन काम होगा.
उन्होंने कहा, ‘यह बहुत कठिन होगा. यह मेरे जीवन के सबसे कठिन काम में से होगा. हम कोई लंदन ओलंपिक जाना चाहता है लेकिन हम सिर्फ 16 खिलाड़ी चुन सकते हैं.’
उन्होंने कहा, ‘शिविर में अगले कुछ सप्ताह अहम होंगे. हमें अपने आक्रमण पर ध्यान देना होगा. अर्जेंटीना के खिलाफ भी हम कई बार सर्कल में पहुंचे लेकिन मौके गंवा दिये.'