'एजेंडा आजतक 2025' में पूर्व चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया बी.आर गवई ने भारत के संविधानवाद, सामाजिक-आर्थिक न्याय और न्यायिक सक्रियता पर विस्तार से चर्चा की है. उन्होंने सामाजिक मुद्दों जैसे फ्रीबीज के प्रभावों को भी समझाया. विशेष रूप से न्यायपालिका में पारदर्शिता लाने के सवाल पर उनका क्या कहना है? सुनिए.