समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि जब कुर्सी बचाने की बात आती है तो बीजेपी बहुत ज्यादा कम्युनल हो जाती है. लेकिन इस बार हमलोगों ने इसका रास्ता खोज लिया है. यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने यह भी कहा कि उन्हें उम्मीद है कि पश्चिम बंगाल में ममता दीदी बीजेपी को कामयाब नहीं होने देंगी.
विचारों के महामंच एजेंडा आजतक- 2025 में शामिल हुए अखिलेश यादव केंद्र की बीजेपी सरकार पर खूब बरसे. अखिलेश ने कहा कि यूपी ने पहले भी हमें परिणाम दिया है और इस बार पहले से भी अच्छा परिणाम देगा. यूपी के बारे में कहा जाता है कि जो यहां लोकसभा जीतता है वही विधानसभा चुनाव जीतता है. SIR की चर्चा पर अखिलेश ने कहा कि SIR का फॉर्म उन्होंने इसलिए भरा क्योंकि सरकार ने विरोध को स्वीकार नहीं किया.
यूपी के पूर्व सीएम ने कहा कि जो मैं खबरें सुन रहा हूं उसके अनुसार बीजेपी अधिकारियों से क्या बदलाव करवाएगी ये अभी पता नहीं चल पा रहा है. अखिलेश ने कहा कि उन्हें लगता है कि 4 करोड़ लोगों को फिर से फॉर्म भरना पड़ेगा. अखिलेश ने कहा कि जो मैपिंग एप बना है वो लोगों को सहयोग नहीं कर रहा है. एक बात यह भी चल रही है कि मैपिंग बनाने वाले जो लोग हैं, जो कंपनी है उन्होंने बीजेपी को इलेक्टरोल बॉन्ड दिया है. जिस कंपनी ने इलेक्टोरल बॉन्ड दिए हों बीजेपी को उसी कंपनी का मैपिंग एप हो तो स्वाभाविक है कि आम जनता को परेशानी उठानी ही पड़ेगी. इसलिए मैं कह रहा हूं कि 4 करोड़ लोगों को परेशानी उठानी पड़ेगी.
अखिलेश ने कहा कि सरकार आखिर आधार को क्या नहीं मान रही है. सरकार ने इस पर इतना संसाधन खर्च किया है. इसका मतलब ये है कि बीजेपी हार गई है और SIR के बहाने लोगों को डराना चाहती है, जो NRC वो करा नहीं पाए वो SIR के माध्यम से करा रहे हैं.
यूपी के डिटेंशन सेंटर पर अखिलेश ने कहा कि सरकार से ये पूछा जाना चाहिए उन्होंने SIR से पहले डिटेंशन सेंटर क्यों नहीं बताए. अगर घुसपैठियों की बात है तो 10-11 साल में कितने घुसपैठिए आए इसका आंकड़ा सरकार दे और अगर आंकड़ा ज्यादा निकलता है तो सरकार को इस्तीफा देना चाहिए.
सपा अध्यक्ष ने सरकार से सवाल करते हुए कहा कि आप इतनी बड़ी एक्सरसाइज करा रहे हैं और आप कह रहे हैं कि घुसपैठिए आ गए तो घुसपैठिए कब आए, क्या ये 11 साल में आए. इसका जवाब तो उनको देना पड़ेगा. ये कोई घुसपैठिया नहीं है, कोई डिटेंशन सेंटर की तैयारी नहीं है, ये केवल डराने की तैयारी है. क्योंकि वे जानते हैं कि अब सत्ता में रुकने वाले नहीं हैं. ये लुढ़कती हुई सरकार है. रुपया कितना लुढ़क गया. हमारे यहां तो उत्तर प्रदेश में लोग दिन में रात में सपना देखते हैं कि कुर्सी कैसे छीन लें. ये डिटेंशन का बहाना कुर्सी बचाने का है. जब भी कुर्सी को खतरा होता है, बीजेपी के लोग कम्युनल हो जाते हैं और बहुत ज्यादा कम्युनल हो जाते हैं.
अखिलेश यादव ने कहा कि लेकिन उन्होंने बीजेपी के इस प्लान का रास्ता खोज लिया है. इस बार पीडीए के लोग मिलकर, सब एक साथ होकर लोकतंत्र को मजबूत करने जा रहे हैं, संविधान को मजबूत करने जा रहे हैं.