scorecardresearch
 

Agenda Aajtak 2019: क्या अगला कानून जनसंख्या नियंत्रण पर होगा? रविशंकर प्रसाद ने दिया ये जवाब

प्रधानमंत्री ने लालकिले से अपील की थी कि भारतवासियों को जनसंख्या नियंत्रण पर सोचना चाहिए. प्रधानमंत्री हमेशा लालकिले की प्राचीर से कुछ-न-कुछ घोषणा जरूर करते हैं. अब देश को जनसंख्या के बारे में भी सोचना पड़ेगा.

Advertisement
X
रविशंकर प्रसाद, केंद्रीय मंत्री (फोटो- शेखर घोष, इंडिया टुडे)
रविशंकर प्रसाद, केंद्रीय मंत्री (फोटो- शेखर घोष, इंडिया टुडे)

  • बहुत सी ग्राम पंचायतों में दो से अधिक बच्चे होने पर उम्मीदवारी नहीं मिलती
  • क्या इस तरह के कानून लोकसभा और विधानसभा में भी लाये जाएं?

देश के नंबर वन न्यूज चैनल आजतक के 'एजेंडा आजतक' के आठवें संस्करण के दूसरे दिन केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद शामिल हुए और उन्होंने हर सवाल का बेबाकी से जवाब दिया. केंद्र सरकार द्वारा लाए गए सभी कनूनों को लेकर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हमने कोई सरप्राइज नहीं दिया है. हमने पहले भी ये बातें लोगों के सामने रखी हैं. इन सभी कानूनों का जिक्र हमने चुनावी घोषणापत्र में भी किया है.

उन्होंने आगे कहा, 'प्रधानमंत्री ने लालकिले से अपील की थी कि भारतवासियों को जनसंख्या नियंत्रण पर सोचना चाहिए. प्रधानमंत्री हमेशा लालकिले की प्राचीर से कुछ-न-कुछ घोषणा जरूर करते हैं. अब देश को जनसंख्या के बारे में भी सोचना पड़ेगा. अब देश की आबादी 130 करोड़ हो गयी है. अब इसका क्या रास्ता निकाला जाए, क्या इसके लिए भी कोई कानून लाया जाए?'

Advertisement

उन्होंने ग्राम पंचायत की बात करते हुए आगे कहा, 'बहुत सी ग्राम पंचायतें हैं वहां पर यह कानून हैं कि अगर आपके दो से अधिक बच्चे हैं तो आप उम्मीदवार नहीं बन सकते. राजस्थान में एक बच्चे से अधिक होने पर भी उम्मीदवारी की बंदिश है. क्या इस तरह के कानून लोकसभा और विधानसभा में भी लाये जाएं? ये आगे देखना पड़ेगा. मैं जबरन कानून लाने के पक्ष में नहीं हूं लेकिन देश को इस गंभीर मुद्दे पर सोचना होगा. रिसोर्सेस कम हैं, इसलिए अगर देश को आगे बढ़ाना है तो जनसंख्या नियंत्रण पर सोचना होगा.'

क्या केंद्र सरकार इशारों-इशारों में नए कानून का संकेत दे रही है? इस सवाल के जवाब में केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, 'मैं देश का नागरिक हूं, सांसद हूं और वकील भी हूं. संविधान को समझता हूं और देश को भी समझता हूं. इसलिए देश की चिंता करता हूं और इस नाते बात कर रहा हूं'

अटल जी को मिस करता हूं

रविशंकर प्रसाद अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के कार्यकाल में भी केंद्रीय मंत्री थे. ऐसे में उन्होंने दिवंगत नेता को याद करते हुए कहा कि वो अभिभावक की तरह थे. उनको बहुत मिस करता हूं.

न्यायिक प्रक्रिया में होती है देरी

देश में लगातार महिलाओं के साथ होने वाली रेप और हिंसा के मामले में न्यायिक प्रक्रिया में होने वाली देरी को लेकर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हमारा काम है कानून बनाना, कानून बन गया है. 12 साल से छोटी बच्ची के साथ अगर रेप की घटना होती है तो दोषी को फांसी की सजा होगी. हमनें दो महीने में जांच की प्रक्रिया पूरी करने के लिए भी कानून बना दिया है. हमने कानून बना दिया कि ट्रायल फास्ट ट्रैक होगा. अब इन सब को लागू करना है.

Advertisement

उन्होंने आगे कहा, 'मैं कभी नहीं चाहूंगा कि मैं डंडा चलाकर बताऊं कि जज कैसे काम करेंगे. कानून का ख्याल रखना ज्यूडिशरी का काम है. इसीलिए मैने हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीशों को पत्र लिखकर कहा है कि आप इस बात की चिंता करें कि फास्ट ट्रैक कोर्ट जल्द से जल्द सजा दे. मुझे बेहद खुशी है कि माननीय मुख्य न्यायाधीश ने भी एक कमिटी बनाई है जो इस तरह के केसों की निगरानी करेंगे. तनाव होते हैं, होंगे लेकिन देश में कानून का राज होना चाहिए.'  

ज्यूडिशरी और सरकार के बीच कोई तकरार नहीं

रविशंकर प्रसाद ने आगे कहा कि सरकार और न्यायपालिका के बीच कॉमन कमिटमेंट है. ज्यूडिशरी का काम है जजमेंट देना, हमारा काम है इंफ्रास्ट्रक्चर देना और मिल के काम करना है. ताकि अच्छे जजों की नियुक्ति हो. जजों की नियुक्ति की वजह टकराव नहीं है. हमलोगों की बातचीत होती रहती है.  

ऐसे होती है जजों की नियुक्ति

केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आगे जजों की नियुक्ति की प्रक्रिया को समझाते हुए कहा, 'जजों के नाम का प्रस्ताव मैं शुरू नहीं कर सकता. वो हाईकोर्ट का कॉलेजियम भेजता है. उसके बाद आईबी की पूछताछ होती है. फिर केंद्र सरकार विचार रखती है. फिर वो सुप्रीम कोर्ट जाता है तब यह प्रक्रिया संपन्न होती है. सैकड़ों नाम अभी तक हाई कोर्ट से आए ही नहीं हैं. भारत में 5 हजार जजों के पद खाली हैं. उसमें केंद्र सरकार या राज्य सरकार किसी की भूमिका नहीं है. जजों के लिए हाई कोर्ट या पब्लिक सर्विस कमीशन परीक्षा का आयोजन करता है.'

Advertisement
Advertisement