लंबे इंतजार के बाद शार्क टैंक इंडिया 2 टेलीविजन पर वापस लौट रहा है. इस सीजन अशनीर ग्रोवर शो के जज नहीं होंगे. अमन गुप्ता, नमिता थापर, विनीता सिंह और पीयूष बंसल शो को जज करते दिखेंगे. हमें पता है कि शार्क टैंक इंडिया देखने के लिये कई लोग बेताब हैं. पर दूसरा सीजन शुरू हो उससे पहले अमन गुप्ता की मोटिवेशनल कहानी जाने लेते हैं.
CA करके जॉब में नहीं लगा मन
अमन गुप्ता boAt के सह-संस्थापक और सीएमओ हैं. 40 की उम्र में वो एक आलीशान लाइफ जी रहे हैं. सवाल ये भी है कि आखिर कम उम्र में उन्होंने इतनी बड़ी अचीवमेंट कैसे हासिल कर ली. अपनी सक्सेस जर्नी सुनाने से पहले अमन ने लोगों से अपना रिजेक्शन शेयर किया. एक इंटरव्यू में शार्क टैंक इंडिया के जज कहते हैं, 'मैंने पापा के कहने पर CA किया था, पर मजा नहीं आया. इसके बाद दो साल नौकरी की, उसमें भी मजा नहीं आया.'
आगे वो कहते हैं, 'मुझे लग रहा था कि कुछ तो दिक्कत है. इसके बाद मैंने और पापा ने फैसला किया कि अपना बिजनेस करेंगे. उनके पास अनुभव था और मेरे पास पैशन था. मेरा फैमिली बिजनेस नहीं था. पर हमने शुरूआत की. पहली सेल्स के दौरान मुझे एक कस्टमर पर काफी गुस्सा आ रहा था, वो बार-बार मुझे समय देकर टाल रहा था. तब मुझे पापा से सीख मिली कि ईगो नहीं होना चाहिए. मैंने चार-पांच साल वो बिजेनस किया. हम एक कंपनी के लिए काम करते थे. पर उस कंपनी ने बाद में इंडिया में आकर अपना खुद का ऑफिस खोल लिया.'
रिजेक्शन से हुए परेशान
इसके बाद अमन गुप्ता बिजनेस छोड़कर MBA करने लग गए. एमबीए करने के बाद उन्होंने फिर एक कंपनी जॉइन की. पर उनका मन नहीं लगा. अमन थोड़े कंफ्यूज थे. वो कहते हैं, 'मैंने सोचा कि अब अपना बिजनेस करना चाहिए. उस वक्त भारत बदल रहा था. मार्केट में हमारे 200 ब्रांड्स थे. लोग कहते थे कि तुम क्या कर लोगे. तुम क्या कर सकते हो. पर मैंने किया. शुरूआत में मुझे रिजेक्शन बहुत मिली. सीए में भी रिजेक्शन मिली. कंपनी के कर्मचारी ने रिजेक्ट किया. लोन के लिए बैंक में भी रिजेक्शन मिला.'
अमन कहते हैं कि रिजेक्शन मेरी लाइफ का हिस्सा रहा है. मेरे पास पैसे नहीं थे. जॉब भी नहीं थी. पर अमन ने बिजनेस शुरू किया. अमन गुप्ता ने बोट का काम एक पब में बैठ कर शुरू किया था. इसके बाद 35 की उम्र में उन्होंने करोड़ों की कंपनी खड़ी कर डाली. शार्क टैंक इंडिया के जज का कहना है कि दिल में जो हो, उसे कर देना चाहिए. ताकि बाद में किसी तरह का मलाल ना रहे. कुछ समझे या नहीं?