भारत में लागू हुई इमरजेंसी की 44वीं सालगिरह पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें सलाम किया जिन्होंने साल 1975 में इंदिरा गांधी द्वारा देश पर लागू की गई इमरजेंसी का विरोध किया. बता दें कि 25 जून 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश पर इमरजेंसी लगा दी थी. पीएम मोदी के ट्वीट पर फिल्ममेकर शेखर कपूर ने अपनी प्रतिक्रिया दी है.
शेखर कपूर ने अपने ट्वीट में लिखा, "सर मेरे अंकल देव आनंद और विजय आनंद उन सबसे पहले लोगों में से थे जो इमरजेंसी के विरोध में सामने आए थे. उन्होंने रैलियां निकालीं और इंदिरा गांधी को चुनौती दी कि वो उन्हें जेल भिजवाएं. उन्होंने अपना करियर और अपनी रोजी रोटी को खतरे में डालकर उसे करनी की जिद की जिसमें वह यकीन रखते थे. यह हौसले का एक ऐसा कदम था जिसने एक आज्ञा की अवहेलना की जिद की."
शेखर कपूर ने एक इंस्टाग्राम पोस्ट भी शेयर की जिसमें इस बात का जिक्र किया गया है कि देव आनंद ने इमरजेंसी का विरोध किया था. देव आनंद ने बहुत सक्रिय तरह से उन दिनों चुनावों के वक्त कैंपेन किया था और एक पार्टी का गठन किया था जिसका नाम उन्होंने नेशनल पार्टी ऑफ इंडिया रखा था. हालांकि बाद में उन्होंने इस पार्टी को छोड़ दिया. पीएम मोदी ने अपने ट्वीट के साथ एक वीडियो भी शेयर किया है.Sir, my uncles Dev Anand and Vijay Anand were amongs the first to come out against Emergency. They took out rallies and dared Mrs Gandhi to imprison them. They staked their careers/livelihood on what they believed in. It was a courageous act of defiance. https://t.co/YECGp13z9O…
— Shekhar Kapur (@shekharkapur) June 25, 2019
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वीडियो में उन्होंने इमरजेंसी के फैसले की निंदा की है और बताया है कि किस तरह देश में इमरजेंसी लगाने का फैसला कितना भयावह था. वीडियो में मोदी ने बताया है कि यह किसी भी लोकतंत्र का सबसे बुरा दौर हो सकता है, क्योंकि पूरे देश को कैदखाने में बदल दिया गया था और जयप्रकाश नारायण जैसे कई नेताओं को जेल में ठूंस दिया गया था. वीडियो में मोदी ने बताया है कि किस तरह प्रेस की आजादी छीन ली गई थी.