यश राज फिल्म्स के बैनर तले बनी रोमांटिक-कॉमेडी ड्रामा फिल्म 'शुद्ध देसी रोमांस' से वाणी कपूर ने साल 2013 में डेब्यू किया था. आठ साल लंबे करियर में वाणी ने केवल पांच ही फिल्में की हैं. पिछले साल इनकी दो फिल्में एक के बाद एक रिलीज हुई. वाणी 'बेल बॉटम' और 'चंडीगढ़ करे आशिकी' में नजर आईं. दोनों ही फिल्मों में वाणी की परफॉर्मेंस काबिले-तारीफ नजर आई. खासकर 'चंडीगढ़ करे आशिकी' में. इस फिल्म में वाणी ने एक ट्रांसवुमन का किरदार अदा किया, जिसे ऑडियंस के साथ क्रिटिक्स ने भी सराहा.
वाणी ने प्रोफेशनल फ्रंट पर की खुलकर बात
एक्टर्स टाइम के साथ कई फिल्में साइन करते हैं, लेकिन वाणी ने इस मामले में अपना समय लिया. बहुत सोच-समझकर फिल्में साइन कीं. वाणी के पास अभी तो कोई प्रोजेक्ट नहीं है, लेकिन वह इसके आने की उम्मीद जरूर कर रही हैं. फिल्में साइन करने में वाणी ने लंबे-लंबे ब्रेक लिए हैं. इसपर वाणी ने कहा कि मैं सच में खुश हूं यह देखते हुए कि दर्शकों ने चंडीगढ़ करे आशिकी को इतना प्यार दिया है. फिल्म 'शमशेरा' में मैं जल्द ही नजर आऊंगी. उसके बाद मेरे पास कुछ भी नहीं है.
"उम्मीद करती हूं कि जो भी काम मेरे पास आए वह दिलचस्प हो और उन सभी से अलग हो जो मैं आज से पहले कर चुकी हूं. मेरे लिए हमेशा से ही क्वालिटी मैटर करती आई है. मैं किसी भी फिल्म का हिस्सा पैसों के लिए नहीं बनना चाहती. या फिर मैं लाइमलाइट में आने के लिए काम नहीं कर सकती. कोई भी ऐसी फिल्म करने से बचो जो केवल आपको पर्सनल और क्रिएटिव संतुष्टि दे. इससे अच्छा घर पर बैठो और कुछ अच्छा देखो."
फिल्म इंडस्ट्री में एक्टर्स सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते हैं, लेकिन वाणी कपूर को इन चीजों से कोई फर्क नहीं पड़ता. वाणी कहती हैं कि मुझे पर्सनल और प्रोफेशनल दायरा बनाना अच्छा लगता है. मुझे अपनी पर्सनल लाइफ ज्यादा पसंद है. बहुत कम लोग हैं, जिनपर मैं भरोसा करती हूं और उनके साथ मैं फ्रेंडली हूं. आप लोग मुझे बहुत कम देखेंगे किसी भी पार्टी या इवेंट में. मैं केवल अपनी फिल्म के प्रमोशन में ही नजर आती हूं, क्योंकि मुझे फालतू में स्पॉट होना पसंद नहीं.
वाणी कपूर का ब्रालेट- स्कर्ट में दिखा ग्लैमरस अदांज, जानें कितनी है ड्रेस की कीमत
वाणी कहती हैं कि कुछ लोगों के लिए सोशल मीडिया पर एक्टिव रहना सही है, लेकिन मेरे लिए मैं ऐसा ठीक नहीं मानती. कई सेलेब्स को मैं देखती हूं जो मुंबई में स्पॉट होते हैं या सोशल मीडिया स्टार हैं. मैं फिर खुद से पूछती हूं कि क्या इन चीजों से मुझे खुशी मिलेगी? क्या इस तरह का स्टारडम मैं अपने लिए चाहती हूं? मैं अपनी फिल्मों को लेकर लोगों के बीच पहचान बनाना चाहती हूं. जो काम मैंने किया है, उसके बलबूते पर लोगों की नजरों में आना चाहती हूं. हर किसी के जीने का तरीका अलग है और हर किसी का अपना तरीका है शाइन करने का. मैं यहां किसी को भी जज नहीं कर रही हूं. हर टाइम स्पॉट होना, मैं अपने लिए सही नहीं समझती हूं.