सीनियर बॉलीवुड एक्टर परेश रावल की फिल्म 'द ताज स्टोरी' शुरुआत से ही विवादों के घेरे में फंसी रही. एक वक्त तो इसकी रिलीज पर भी संशय होने लगा था. मगर 'द ताज स्टोरी' शुक्रवार को ना सिर्फ रिलीज हुई, बल्कि ये बॉक्स ऑफिस पर सरप्राइज भी करने लगी है. परेश रावल की फिल्म वीकेंड में बॉक्स ऑफिस पर कई चर्चित फिल्मों से बेहतर परफॉरमेंस लेकर आई. इसकी ग्रोथ देखकर कई सोशल मीडिया यूजर्स को ये भी लगने लगा है कि कहीं ये अगली 'द कश्मीर फाइल्स' तो नहीं होने वाली?!
'द ताज स्टोरी' का बॉक्स ऑफिस कलेक्शन
परेश रावल की फिल्म छोटे बजट की फिल्म है और इसे तमाम बड़ी फिल्मों के बीच स्क्रीन्स भी कम मिली हैं. फिर भी इस फिल्म की बॉक्स ऑफिस परफॉरमेंस सरप्राइज कर रही है. सैकनिल्क के अनुसार, शुक्रवार को इसने 1 करोड़ रुपये का नेट कलेक्शन किया था. मगर शनिवार को इसकी कमाई ऑलमोस्ट डबल होकर, 1.9 करोड़ रुपये तक पहुंच गई. अनुमान है कि रविवार को एक और तगड़े जंप के साथ इसने 2.2 करोड़ रुपये कमाए हैं. यानी वीकेंड में 'द ताज स्टोरी' ने बॉक्स ऑफिस पर 5 करोड़ रुपये से ज्यादा कलेक्शन कर लिया है.
शुक्रवार के बाद इस फिल्म का कलेक्शन जिस तरह जंप हुआ है, वैसा जंप तो 'थामा' और 'एक दीवाने के दीवानियत' जैसी चर्चित फिल्मों को भी नहीं मिला. जहां इस फिल्म से ट्रेड को कोई खास उम्मीद नहीं थी, वहीं अब इसका बिजनेस सरप्राइज कर रहा है.
लगातार छिड़े रहे विवाद
'द ताज स्टोरी' की कहानी ताज महल के इतिहास से जुड़े उन विवादित सवालों पर आधारित है जो पिछले कुछ समय से पॉलिटिकल नैरेटिव का हिस्सा बन चुके हैं. फिल्म का पोस्टर आते ही इसपर सवाल उठने लगे थे क्योंकि ताज महल के ऊपर भगवा झंडा दिखाया गया था. हालांकि विवाद के बाद परेश रावल ने सोशल मीडिया से ये पोस्टर हटा लिया और एक डिस्क्लेमर शेयर किया कि 'फिल्म किसी धार्मिक मुद्दे से डील नहीं करती'.
रिलीज से पहले भारतीय जनता पार्टी के एक नेता ने फिल्म के खिलाफ हाई कोर्ट में पिटीशन दी. उनका आरोप था कि उन्होंने 2022 में हाई कोर्ट में एक पिटीशन दी थी और ये फिल्म उसी का 'अनधिकृत' इस्तेमाल करती है. अपनी पिटीशन में इस नेता ने फिल्म पर बैन लगाने की बात भी की.
फिल्म के खिलाफ एक और पिटीशन कोर्ट में पहुंची कि ये 'विवादास्पद नैरेटिव का इस्तेमाल करती है और ऐतिहासिक तथ्यों पर आधारित होने का दावा नहीं करती.' इसके अलावा सोशल मीडिया पर भी कई यूजर्स ने आरोप लगाया कि ये राजनीतिक प्रोपेगेंडा को प्रमोट करती है. हालांकि, परेश रावल ने फिल्म प्रमोशन के दौरान बार-बार कहा कि फिल्म किसी भी तरह से सांप्रदायिक मुद्दों को हवा नहीं देती.
'द कश्मीर फाइल्स' से तुलना
अनुपम खेर की 'द कश्मीर फाइल्स' ने पहले दिन मात्र 3.5 करोड़ नेट कलेक्शन किया था. मगर राजनीतिक मुद्दे पर बेस्ड इस फिल्म का लाइफटाइम कलेक्शन 250 करोड़ से ज्यादा था. कुछ ऐसा ही 'द केरला स्टोरी' के साथ भी हुआ था. इसलिए जब भी कोई फिल्म विवादित राजनीतिक मुद्दे का जिक्र करती नजर आती है तो तुलना 'द कश्मीर फाइल्स' से होने लगती है.
मगर 'द ताज स्टोरी' का ओपनिंग कलेक्शन, स्क्रीन काउंट और माहौल 'द कश्मीर फाइल्स' के मुकाबले कमजोर है. फिल्म के प्लॉट में वो ह्यूमन इमोशन मिसिंग है जो 'द कश्मीर फाइल्स' में था. पहले वीकेंड की कमाई इशारा करती है कि 'द ताज स्टोरी' अगर ऐसे ही आगे बढ़ी तो 15-20 करोड़ के आसपास कलेक्शन कर सकती है. ये कामयाब फिल्म तो साबित हो जाएगी मगर इसकी कामयाबी का स्केल 'द कश्मीर फाइल्स' जैसा हो पाना बहुत मुश्किल है.