अवैध निर्माण के मामले में बीएमसी के निशाने पर आए एक्टर सोनू सूद की मुसीबत कम होने का नाम नहीं ले रही है. बीएमसी की तरफ से बॉम्बे हाई कोर्ट में दलील दी गई है कि एक्टर अवैध निर्माण के मामले में लगातार नियम तोड़ते रहे हैं. बीएमसी की नजरों में सोनू लगातार अवैध निर्माण में शामिल रहे हैं. वहीं बीएमसी की तरफ से सोनू के तमाम आरोपों को भी एक रणनीति बता दिया गया है.
BMC ने सोनू को हमेशा नियम तोड़ने वाला बताया
बीएमसी ने कोर्ट के सामने 16 पेज का लिखित हलफनामा पेश किया है. उस हलफनामे में विस्तार से बताया गया है कि कैसे सोनू सूद ने लगातार बीएमसी के नोटिस को नजरअंदाज किया और कैसे वे अवैध निर्माण कार्य में सक्रिय रहे. लिखा गया है- सोनू सूद एक ऐसे होटल को बचाने की अपील कर रहे हैं जो MRTP, MMC एक्ट के खिलाफ है. वहीं उन्होंने किसी भी तरह का लाइसेंस भी नहीं लिया है.
'इसके जरिए पैसा कमाना चाहते हैं सोनू सूद'
आरोप तो ये भी लगाया गया है कि सोनू इस अवैध निर्माण के जरिए पैसे कमाना चाहते हैं. इसी वजह से उन्होंने लाइसेंस लेना जरूरी नहीं समझा और एक रिहायशी बिल्डिंग को होटल में तब्दील कर दिया. मालूम हो कि बीएमसी की नजर जुहू में मौजूद उस 6 मंजिला इमारत पर है जिसे लेकर दावा किया गया है कि सोनू ने इसे एक होटल में तब्दील कर दिया. कहा गया है कि एक्टर ने रिहायशी इमारत को होटल में तब्दील करने से पहले कोई परमिशन नहीं ली थी. वहीं रिपोर्ट्स तो ऐसी भी सामने आई हैं जहां बताया गया है कि सोनू को बीएमसी की तरफ से नोटिस भेजा गया था, लेकिन उन्होंने उसे नजरअंदाज कर दिया. उन्होंने उस इमारत का निर्माण कार्य फिर भी जारी रखा था.
Maharashtra: Brihanmumbai Municipal Corporation (BMC) has filed a police complaint against actor Sonu Sood (in file photo) for allegedly converting a six-storey residential building in Juhu into a hotel without BMC's permission. pic.twitter.com/49FU1Y3iGJ
— ANI (@ANI) January 7, 2021
बीएमसी ने समझाया पूरा विवाद
बीएमसी ने बताया है कि ये सारा विवाद पिछले साल जनवरी में ही शुरू हो गया था जब लोकायुक्त ने शिकायत की थी. उस समय लोकायुक्त की तरफ से कहा गया था कि जिम्मेदारी का ठीक ढंग से निर्वाहन ना करने पर बीएमसी के खिलाफ एक्शन क्यों ना लिया जाए. उस फटकार के बाद बीएमसी ने उस इमारत का जायजा लिया था और सोनू को अक्टूबर में नोटिस जारी किया.
कोर्ट के फैसले का इंतजार
अब इसी दलील के आधार पर बीएमसी चाहती है कि सोनू सूद को किसी भी तरह की राहत ना दी जाए. वहीं उनके खिलाफ कड़ा एक्शन लेने की मांग हो रही है. इस मामले में बुधवार को कोर्ट की तरफ से बड़ा आदेश सामने आ सकता है. साफ हो जाएगा कि सोनू सूद को राहत दी जाती है या फिर बीएमसी की कार्रवाई को सही बताया जाता है.