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ट्रोल्स को हैंडल करना सीख चुकी हैं सारा अली खान, बोलीं- दिमाग को बंद करना सीख लिया

एक्ट्रेस सारा अली खान की आखिरी फिल्म 'मेट्रो इन दिनों' थी. इसमें इनका काम काफी अच्छा नजर आया था. लेकिन बीते कुछ सालों में सारा पब्लिक की नजरों में काफी चर्चा में भी रहीं. खासकर अपनी पर्सनल लाइफ और ट्रोलिंग को लेकर.

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सारा अली खान को पड़ता है ट्रोलिंग से फर्क (Photo: Instagram @saraalikhan95)
सारा अली खान को पड़ता है ट्रोलिंग से फर्क (Photo: Instagram @saraalikhan95)

सारा अली खान की पर्सनल लाइफ शुरू से ही पब्लिक की नजरों में रही है. वो बखूबी जानती थीं कि अगर वो एक्ट्रेस बनती हैं तो उन्हें कहीं न कहीं पर्सनल लाइफ को लेकर चीजों को फेस करना होगा. पहले सारा का नाम कार्तिक आर्यन के साथ जुड़ा. इसके बाद पहाड़िया परिवार के बेटे संग इनका नाम जुड़ा. सिर्फ इतना ही नहीं, क्रिकेटर शुभमन गिल संग भी सारा के प्यार के चर्चे हुए. 

पर्सनल लाइफ और प्रोफेशनल लाफ में सही फिल्मों को न चुनने को लेकर सारा ने काफी ट्रोलिंग झेली. मुश्किलों का सामना किया. यहां तक कि सारा ने एक पल में तो ये तक कहा कि उन्हें ट्रोल्स से फर्क नहीं पड़ता. पर हैं तो वो भी इंसान. कहीं न कहीं तो मानसिक तौर पर ट्रोलिंग से फर्क पड़ता ही है. 

सारा ने ये भी माना कि जब बहुत ज्यादा ट्रोल्स हद पार कर देते हैं तो वो खुद के दिमाग को बंद कर लेती हैं. वो सिर्फ उन्हीं कॉमेंट्स पर फोकस करती हैं जो उन्हें फीडबैक देते हैं और लाइफ में ग्रो करने की प्रेरणा देते हैं. मालूम हो कि सारा ने अपना एक्टिंग डेब्यू 'केदारनाथ' फिल्म से किया था. सारा ने अबतक जितनी भी फिल्में कीं, उनमें उनका बबली नेचर ही देखने को मिला है. ये कहना गलत नहीं होगा कि शायद वो रियल लाइफ में भी वैसा ही कुछ नेचर कैरी करती हैं. 

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ट्रोल्स को जवाब देते हुए क्या बोलीं सारा?
सारा ने हिन्दुस्तान टाइम्स संग बातचीत में कहा- जब आप एक पब्लिक फिगर होते हैं तो ट्रोल्स को सहन करना आपके लिए बिल्कुल भी आसान नहीं होता है. हर जगह से आप पर ओपीनियन्स आते हैं. फिर आप लोगों से अपेक्षा रख रहे हैं या नहीं, वो आपको खराब से खराब कॉमेंट भी करेंगे. आप उन्हें रोक नहीं सकते हैं. पर समय के साथ मैंने अपने दिमाग को बंद करना सीख लिया है. मैंने खुद को कहीं समझा लिया है कि लोग काम को लेकर बोलेंगे, तो सिर्फ अच्छा ही लेते हैं. जो मुझे मदद करे ग्रो करने में. सीखने में और बेहतर करने में. मेरा फोकस इस बात पर होता है.

पर्सनल कॉमेंट से परेशान सारा?
सारा ने कहा- जब कॉमेंट्स पर्सनल होने लगते हैं और मुझे लगता है कि यूजर की सोच मुझे नीचा दिखाने की है तो मैं उसे अपने अंदर जाने ही नहीं देती हूं. मैंने सीखा है कि हर कोई आपको नहीं जान सकता है. मेरे लिए मायने रखता है कि मैं कौन हूं और किस तरह खुद से जुड़ी रह सकती हूं. मेरी वैल्यूज, मेरी सोच-विचार क्या है और जो लोग मुझे जानते हैं, उनके लिए मैं कितनी मायने रखती हूं, मेरे लिए वो सब है. 

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सारा को भी लगता है बुरा
सारा ने कहा-सच कहूं तो बतौर इंसान मैं भी कभी-कभी बुरा महसूस करती हूं. और ये ओके है. फिर मैं खुद को संभालती हूं. सोचती हूं कि मेरे पास काम है, मेरा परिवार है, मेरा रूटीन है और दोस्त हैं जो मेरे साथ हमेशा खड़े रहते हैं. ये सब मुझे रियल रखता है. दिन के आखिर में अगर आप खुद अपने काम पर गर्व महसूस कर रहे हैं तो इसका मतलब आप ग्रो कर रहे हैं. और यही सब मायने भी रखता है.

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