सरकार की ओर से टैक्स फ्री हुई एक्टर अक्षय कुमार की फिल्म सम्राट पृथ्वीराज के रिलीज होने के बाद विरोध शुरू हो गया है. इस फिल्म पर राजा जयचंद्र के बारे में गलत जानकारी देने का आरोप लगा है. बताया जा रहा है कि इससे इत्रनगरी के लोग नाराज हैं. 9 जून को राजा जयचंद के किले से कलेक्ट्रेट तक लोगों ने पैदल मार्च निकालकर अपना विरोध जताया और राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन दिया. इसमें उन्होंने राजा जयचंद के गलत किरदार को लेकर नाराजगी जताई और फिल्म को बैन करने की मांग उठाई.
बैन की जाए सम्राट पृथ्वीराज
सम्राट पृथ्वीराज फिल्म 3 जून को रिलीज हुई थी. उसके बाद से कन्नौज में इसके विरोध को लेकर आवाज मुखर होने लगी. इसके विरोध में जहां एक और शहर के नागरिक और अधिवक्तागण आए तो वही कान्यकुब्ज सेवा समिति के अध्यक्ष एवं सपा नेता नवाब सिंह यादव और सम्राट जयचंद सेवा समिति के लोगों के साथ जिले के साहित्यकारों और इतिहासकारों ने विरोध की आवाजें मुखर कीं.
क्या है ममला?
9 जून को राजा जयचंद के किले से कान्यकुब्ज सेवा समिति के अध्यक्ष एवं सपा नेता नवाब सिंह यादव के नेतृत्व में करीब साढ़े तीन किलोमीटर पैदल मार्च कर फिल्म का विरोध जताया गया. इस पैदल मार्च में शहर के गणमान्य नागरिकों के साथ साहित्यकार भी शामिल हुए जिसके बाद यह सभी लोग कलेक्ट्रेट पहुंचे और वहां पर राष्ट्रपति को संबोधित एक ज्ञापन दिया.
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मामले में नवाब सिंह यादव ने कहा, 'राजा जयचंद्र एक चक्रवती राजा थे. फिल्म में उनके किरदार को गलत तरीके से दिखाया गया है, जिसका हम विरोध कर रहे हैं. उनको गद्दार साबित करने वाले को हम 50 लाख तक इनाम देने को तैयार हैं.' वही साहित्यकार सुशील राकेश ने बताया कि पूरी फिल्म को ही गलत तरीके से बनाया गया है. इसमें बहुत तथ्य से गलत दिखाए गए हैं. इस पूरी फिल्म को ही बैन कर देना चाहिए.
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फिल्म सम्राट पृथ्वीराज का विरोध इस वजह से किया जा रहा है, क्योंकि फिल्म में राजा जयचंद के किरदार को सही ना दिखा कर गलत प्रकार से दिखाया गया है. उनको गद्दार साबित करने की कोशिश की गई है. जिले के नागरिकों के साथ-साथ साहित्यकार और इतिहासकारों में काफी नाराजगी है और वह इस फिल्म को बैन करने की मांग कर रहे हैं.