
सुपरस्टार सलमान खान की फिल्म 'सिकंदर' मार्च में फ्लॉप होने से पहले, 2025 की उन फिल्मों में से एक थी जिनका इंतजार फिल्म फैन्स बेसब्री से कर रहे थे. मगर 'सिकंदर' इन उम्मीदों पर बिल्कुल भी खरी नहीं उतरी और करीब 16 साल बाद सलमान के खाते में एक क्लियर फ्लॉप फिल्म दर्ज हुई. इस फिल्म के बाद से ही लोग सलमान से एक दमदार कमबैक की आस लगाए बैठे हैं.
इस बीच सलमान ने सोशल मीडिया पर तस्वीरें शेयर करते हुए दिखाया कि वो अपनी फिटनेस पर फिर से काम कर रहे हैं और एक नए प्रोजेक्ट के लिए फिर से सुपरफिट होकर तैयार हैं. हाल ही में सलमान का ये नया प्रोजेक्ट अनाउंस हुआ है और इस फिल्म का टाइटल रखा गया है 'बैटल ऑफ गलवान'. इसकी कहानी लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई लड़ाई पर बेस्ड है.

सलमान के लुक और फिल्म के अनाउंसमेंट वीडियो को तो फैन्स से पॉजिटिव रिस्पॉन्स मिला है. मगर इस फिल्म का प्लॉट एक ऐसे टॉपिक पर बेस्ड है जो काफी लंबे समय से फिल्मों में कामयाब नहीं रहा है. भारत-चीन सीमा विवाद और दोनों सेनाओं का आमना-सामना फिल्मों में पिछले कई सालों से फायदेमंद नहीं साबित हुआ है. आइए बताते हैं इस टॉपिक पर पहले बन चुकी फिल्मों का क्या हश्र हुआ...
भारत-चीन युद्ध पर पहली भारतीय फिल्म भी थी नाकामयाब
1962 में पहली बार भारत और चीन के बीच युद्ध हुआ था. इस युद्ध के प्लॉट पर भारत में पहली फिल्म अगले ही साल बन गई. ये फिल्म थी तमिल इंडस्ट्री की Ratha Thilagam. शिवाजी गणेशन और सावित्री गणेशन स्टारर ये फिल्म भारत-चीन युद्ध के बैकग्राउंड पर बनी एक लव स्टोरी थी. कहानी में हीरो युद्ध छिड़ने के बाद भारतीय सेना में भर्ती हो जाता है और बाद में उसे पता चलता है कि उसकी प्रेमिका देश की सेना के खिलाफ जासूसी कर रही थी. इस फिल्म में एक्टर्स के काम की तो तारीफ हुई थी लेकिन बॉक्स ऑफिस पर ये फेल हो गई थी.

हिंदी में आइकॉनिक फिल्म का प्लॉट बना भारत-चीन युद्ध
इस युद्ध की कहानी हिंदी में पहली बार ब्लैक एंड वाइट फिल्म 'हकीकत' (1964) की शक्ल में पर्दे पर पहुंची. भारत की सबसे बेहतरीन ब्लैक एंड वाइट वॉर फिल्म कही जाने वाली 'हकीकत' में एक बहुत बड़ी स्टारकास्ट थी. फिल्म में धर्मेंद्र, बलराज साहनी, संजय खान और विजय आनंद जैसे नामी कलाकार मुख्य भूमिकाओं में थे.

1962 के युद्ध में भारत को हार का सामना करना पड़ा था मगर जिस बारीकी से 'हकीकत' ने सैनिकों के माइंडसेट और युद्ध के हालात को दिखाया, वो आज भी आइकॉनिक माना जाता है. इस फिल्म को नेशनल अवॉर्ड तो मिला ही, डायरेक्टर चेतन आनंद को 'हकीकत' के लिए बेस्ट डायरेक्टर का फिल्मफेयर अवॉर्ड भी मिला. एक दमदार फिल्म होने के साथ ही 'हकीकत' बॉक्स ऑफिस पर भी बड़ी हिट साबित हुई थी.
देव आनंद की फिल्म भी हुई फ्लॉप
भारत-चीन युद्ध के बैकग्राउंड पर ही डायरेक्टर चेतन आनंद के छोटे भाई और अपने दौर के बेहद पॉपुलर एक्टर देव आनंद ने भी 1970 में एक फिल्म बनाई. फिल्म का नाम था 'प्रेम पुजारी' और इसमें देव आनंद के साथ वहीदा रहमान, शत्रुघ्न सिन्हा और मदन पुरी जैसे कलाकार थे. इस फिल्म का म्यूजिक एल्बम बहुत पॉपुलर हुआ था जिसके गाने आज भी खूब सुने जाते हैं. लेकिन कमर्शियल पैमाने पर 'प्रेम पुजारी' बॉक्स ऑफिस पर कोई बड़ा कमाल नहीं कर पाई थी.

मॉडर्न दौर में भी कामयाब नहीं हुआ ये प्लॉट, सलमान भी हुए फेल
भारत और चीन के बीच सीमा विवाद लंबे समय से जारी है और कई बार दोनों देशों के सैनिकों के बीच सीमा पर तनाव का माहौल बन जाता है. 2017 में डोकलाम विवाद में जब भारतीय और चीनी सैनिक आमने-सामने हुए तो उसी बीच, दोनों देशों की टेंशन को प्लॉट बनाते हुए कई फिल्में भी बड़े थिएटर्स तक पहुंचीं. इसमें सलमान की 'ट्यूबलाइट' (2017) भी थी जो उनके करियर की सबसे कमजोर फिल्मों में से एक मानी जाती है.

'बॉर्डर' जैसी आइकॉनिक वॉर फिल्म बना चुके जे.पी. दत्ता ने भी उसी दौर में भारत-चीन के बीच 1967 में हुई लड़ाई पर बेस्ड फिल्म पलटन' बनाई. इस मल्टीस्टारर फिल्म का भी हाल बॉक्स ऑफिस पर बहुत बुरा रहा था. इसे ना सिर्फ नेगेटिव रिव्यू मिले बल्कि बॉक्स ऑफिस पर भी ये डिजास्टर साबित हुई थी.

भारत चीन युद्ध पर बनीं सबसे ताजा फिल्मों में '72 Hours' और पंजाबी फिल्म 'सूबेदार जोगिंदर सिंह' भी बॉक्स ऑफिस पर नाकाम ही रही हैं. यानी 'हकीकत' को छोड़कर, दूसरी किसी भी फिल्म में भारत-चीन विवाद बॉक्स ऑफिस पर कमाल नहीं कर सका है. अब देखना है कि सलमान की आने वाली फिल्म 'बैटल ऑफ गलवान' थिएटर्स में धमाका कर पाती है या नहीं.