scorecardresearch
 

साउथ फिल्म में काम करना था मुश्किल, बॉडी पर कमेंट करते थे लोग, एक्ट्रेस बोलीं- ट्रॉमा में हूं

राधिका आप्टे ने फिल्म इंडस्ट्री में अपने शुरुआती दिनों के अनुभव शेयर किया. उन्हें लिंगभेद और बदतमीजी का सामना करना पड़ा था. उन्होंने बताया कि कैसे उन्हें सेट पर अकेली महिला होने के नाते कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा, जिसमें उनके शरीर पर कमेंट किए जाते थे.

Advertisement
X
राधिका आप्टे ने शेयर किया ट्रॉमेटिक एक्सपीरिएंस (Photo: Instagram/@radhikaofficial)
राधिका आप्टे ने शेयर किया ट्रॉमेटिक एक्सपीरिएंस (Photo: Instagram/@radhikaofficial)

राधिका आप्टे ने फिल्म इंडस्ट्री में दो दशक पूरे कर लिए हैं. अब उन्हें यह हक मिल गया है कि वे क्या करना चाहती हैं और क्या नहीं. लेकिन अपने शुरुआती दिनों में जो कुछ सहना पड़ा, उसकी याद से आज भी राधिका कांप जाती हैं. उन्होंने कुछ 'बड़े लोगों' की बनाई गई हिंदी फिल्मों से खुद को दूर रखा. मगर 2000 के अंत में की गई साउथ इंडियन फिल्मों में भी उन्हें लिंगभेद का सामना करना पड़ा.

राधिका ने याद किया, 'मैंने हिंदी की ज्यादा बड़ी फिल्मों में काम नहीं किया, जहां ऐसा होता हो. कुछ ऑफर आए थे, मैं उनसे मिलने गई. जब पता चला, तो मैंने कहा कि मैं इनके साथ कभी काम नहीं करूंगी. ये बहुत बुरे लोग हैं. बहुत बड़े लोग. अगर मैं नाम लूं, तो आप कहेंगे, 'क्या?' लेकिन हां, आप लोगों के साथ काम नहीं करूंगी. फिर मैंने कुछ साउथ फिल्में कीं, क्योंकि मुझे पैसे की जरूरत थी.'

फिल्म सेट पर होता था बुरा व्यवहार

राधिका ने आगे बताया, 'जिन फिल्मों में मैंने काम किया, उनमें से कुछ के सेट पर मुझे बहुत मुश्किल समय गुजारना पड़ा. मुझे याद है एक बार मैं सेट पर अकेली महिला थी. हम एक छोटे शहर में शूटिंग कर रहे थे. वे मेरे बम और ब्रेस्ट पर और ज्यादा पैडिंग लगाना चाहते थे. वे कहते थे, 'अम्मा, और पैडिंग.' मैंने कहा, 'और कितनी पैडिंग?' किसी को कितना ज्यादा गोल-मटोल बना दोगे?'

Advertisement

एक्ट्रेस ने कहा, 'मैं अकेली महिला थी. मेरे पास कोई मैनेजर नहीं था. कोई एजेंट नहीं था. मेरी टीम सब पुरुष थे, क्योंकि उन्होंने मुझे रोल दिया था. उन्होंने कहा, 'तुम्हें अपनी खुद की टीम लाने की इजाजत नहीं है.' उन्होंने बताया कि लिंगभेद की शुरुआत सेट पर महिलाओं के बारे में फूहड़ मजाक करने से होती थी और फिर उनके शरीर पर और पैडिंग लगाने तक पहुंच जाती थी. राधिका ने कहा, 'मैं आपको चरम उदाहरण दे रही हूं कि आपको बताया जाता है कि आपके शारीरिक बनावट कैसी होनी चाहिए, और आपके आसपास कोई महिला नहीं होती.'

ट्रॉमा में राधिका आप्टे

राधिका आप्टे ने दावा किया कि हालांकि वे आमतौर पर काफी 'मुखर' और 'बहादुर' हैं, लेकिन उन दिनों की याद से आज भी उनका दिल धड़क जाता है. एक्ट्रेस बोलीं, 'मैं कभी भी उस स्थिति में फिर से नहीं पड़ना चाहती, क्योंकि मैं रो दूंगी. वह सही में ट्रॉमेटिक था. मैं नहीं चाहती कि कोई महिला उस स्थिति में हो. राधिका को आज की 'बड़ी फिल्मों' में महिलाओं को दिखाए जाने के तरीके से काफी परेशानी होती है.

एक्ट्रेस ने साफ किया कि वे इस संस्कृति के लिए सिर्फ पुरुषों को दोष नहीं दे रही हैं. उन्होंने कहा, 'बहुत-सी महिलाएं इतनी शक्तिशाली पदों पर हैं जो बदलाव ला सकती हैं, लेकिन वे नहीं लातीं. और मुझे यह गहराई से परेशान करने वाला लगता है.' एक्ट्रेस ने यह भी जोड़ा कि फिल्म इंडस्ट्री में कई लोगों से जुड़ना मुश्किल है, क्योंकि उन्हें पता ही नहीं चलता कि वे राजनीतिक रूप से कहां खड़े हैं. राधिका को हाल ही में तिस्का चोपड़ा की बतौर निर्देशक पहली फिल्म 'साली मोहब्बत' में देखा जा रहा है.

---- समाप्त ----
Live TV

Advertisement
Advertisement