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मां श्रीदेवी की मौत पर बने मीम्स, परेशान हो गई थीं जाह्नवी कपूर, बोलीं- भयानक था...

जाह्नवी कपूर ने मां श्रीदेवी के निधन के पलों को याद किया, और बताया कि कैसे उस संवेदनशील वक्त को मीम में बदल दिया गया था. उस वक्त 20 साल की जाह्नवी को टीवी तक देखने से मना कर दिया गया था. वो इस हद तक परेशान कर देने वाला था.

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जाह्नवी कपूर ने कही बड़ी बात (Photo: Instagram @janhvikapoor)
जाह्नवी कपूर ने कही बड़ी बात (Photo: Instagram @janhvikapoor)

जाह्ववी कपूर ने जब धड़क से डेब्यू किया था, उसके कुछ समय पहले ही श्रीदेवी का निधन हुआ था. परिवार के लिए ये बहुत असमंजस की स्थिति थी. एक तरफ मौत का गम, दूसरी ओर मां के जाने का दर्द. जाह्नवी ने उस दर्दनाक समय को याद किया और बताया कि कैसे उस दुख की घड़ी को सोशल मीडिया पर मजाक और मीम्स में बदल दिया गया, वो भी उनके डेब्यू से कुछ महीने पहले. उनके मुताबिक, लेजेंडरी एक्टर धर्मेंद्र के जाने के बाद स्थिति और गंभीर हो गई है. 

जाह्नवी की जिंदगी का डार्क फेज

जाह्ववी ने मोजो स्टोरी से बातचीत में कहा, “वो फेज मेरी जिंदगी का ऐसा हिस्सा है जिसे मैं पूरी तरह शब्दों में बयां ही नहीं कर सकती. अगर मैं सब कुछ बता भी दूं, तो भी शायद कोई उसे महसूस न कर पाए. मैं हमेशा इस बात को लेकर सावधान रहती हूं कि कहीं ऐसा न लगे कि मैं लोगों को अपने लिए बुरा महसूस करवाना चाहती हूं, इसलिए मैं कुछ बातें रोक लेती हूं.”

जाह्नवी ने आगे कहा, “मुझे पता है कि हर किसी को हेडलाइन चाहिए, और मैं कभी नहीं चाहूंगी कि मेरी जिंदगी के इतने दर्दनाक हिस्से या मेरी मां के साथ मेरे रिश्ते को उसी के लिए इस्तेमाल किया जाए. यही वजह है कि मैं कुछ बातों पर चुप रहती हूं.”

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'मां की मौत का बना मजाक'

जाह्नवी ने आगे प्राइवेसी में दखल देने पर कहा, “पत्रकारिता, मीडिया संस्कृति और सोशल मीडिया की ये झांकने वाली मानसिकता ने इंसानी नैतिकता को पूरी तरह बिगाड़ दिया है. जब मेरी मां का निधन हुआ, वो बहुत भयानक था. कोई कल्पना भी नहीं कर सकता कि किसी करीबी को खोने का दर्द कैसा होता है, और फिर उसे मीम बनते देखना कैसा लगता है. मैं इसे समझ भी नहीं पाई. और ये सिर्फ बदतर होता जा रहा है. हमने धरम जी के साथ क्या हुआ देखा. पहले भी ऐसा होता आया है और आगे भी होता रहेगा. और इसका हिस्सा हम खुद भी हैं- जब भी हम ऐसे वीडियो या हेडलाइन को व्यूज, कमेंट्स, लाइक्स देते हैं, हम उसी संस्कृति को बढ़ावा देते हैं.”

उन्होंने कहा, “ये बहुत दुखद है. इंसानियत और नैतिकता बिखर चुकी है. पहले हमारे अंदर एक संवेदनशीलता होती थी जो हमें कुछ चीजें देखने, बोलने, या करने से रोकती थी. आज वो सब खत्म हो चुका है. ये बहुत शर्मनाक है कि हमारा आधुनिक संकट नैतिकता का खत्म हो जाना है, क्योंकि सब कुछ इतना वॉयोरिस्टिक हो गया है.”

कितनी परेशान थीं जाह्नवी

जाह्नवी ने बताया कि मां श्रीदेवी की मौत की बेरहम और असंवेदनशील कवरेज की वजह से, उस समय 20 साल की जाह्नवी को टीवी देखने से कुछ समय के लिए रोक दिया गया था.

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उन्होंने कहा, “उस फेज में मुझे टीवी देखने की अनुमति नहीं थी, लेकिन फिर भी चीजें सामने आती रहती थीं. एक बेटी के तौर पर ये बहुत दुखद था, और बहुत उलझन भरा भी. मुझे नहीं लगता कि मैं कभी इससे पूरी तरह उबर पाऊंगी. लेकिन मेरा गुस्सा सिर्फ बेटी होने के नाते नहीं था बल्कि इस बात पर था कि हम समाज के रूप में क्या बन चुके हैं. कोई ये कैसे सोच सकता है कि ये ठीक है?”

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