रंगमंच हो या फिल्में या फिर हो टीवी सीरियल, अभिनेता अंजान श्रीवास्तव अपने किरदारों के चलते खूब लोकप्रिय हैं. वे बड़ी फिल्मों और टीवी सीरीज का हिस्सा रह चुके हैं. उनकी फिल्म घातक के 25 साल पूरे हो गए हैं. इस फिल्म में लीड रोल में सनी देओल नजर आए थे और उनके करियर की ये बड़ी फिल्मों में से एक मानी जाती है. आजतक से खास बातचीत में अंजान ने फिल्म से जुड़े यादें साझा कीं.
घातक की शूटिंग में हुआ कुछ ऐसा
1996 में आई डायरेक्टर राजकुमार संतोषी की सुपरहिट फिल्म घातक के 25 साल पूरे हो जाने पर आजतक से इंटरव्यू के दौरान एक मजेदार किस्सा शेयर करते हुए अभिनेता अंजन श्रीवास्तव कहते हैं कि- घातक संतोषी जी की एक खूबसूरत रचना थी. एक ऐसी फिल्म जिसे भुलाया नहीं जा सकता. उसमें मेरे किरदार का नाम धामू काका का था. पहले वो किरदार मकरंद देशपांडे निभा रहा था लेकिन बाद में मुझे वो ऑफर किया गया. मुझे याद है कि हमारी फिल्म घातक के एक्शन डायरेक्टर टीनू वर्मा थे जो उस जमाने के बेहतरीन एक्शन डायरेक्टर में शुमार होते थे और मुझे उनसे बहुत डर लगता था.
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जब कुएं पर उल्टे लटक कर चिल्लाने लगे अंजान
मुंबई के वर्सोवा इलाके में हमारी शूटिंग चल रही थी और वहां एक गहरा और बड़ा कुआं था. उसमें सबको फेंका जाने का सीन फिल्माया जा रहा था. हम सब वहीं मौजूद थे कि अचानक टीनू वर्मा आया और मुझे पकड़ा. मेरे पैरों से मुझे उठाया और उसी कुएं में मुझे सिर के बल उल्टा लटका दिया. मेरी तो जान ऊपर की ऊपर और नीचे की. नीचे. मैं चिल्लाने लगा तो हमारे डायरेक्टर राजकुमार संतोषी कहने लगे कि- अरे अंजान कुछ नहीं होगा टीनू तुझे नहीं छोड़ेगा बस तुम शॉट दो और थोड़ा झटपटाओ. मैंने कहा- 'अरे संतोषी जी मैं अगर ज्यादा छटपटाऊंगा तो इसका हाथ छूट जायेगा और मैं नीचे गिर जाऊंगा .सब वहा खड़े थे और हंस रहे थे लेकिन मेरी तो जान ही हलक में अटक गई थी. वो वाक्य मैं कभी नहीं भूल सकता.
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कमाल के डायरेक्टर है राजकुमार संतोषी
उन्होंने मेरे साथ खूब एक्सपेरिमेंट भी किया और हर तरह के रोल मुझे करने को दिए और इसी सहारे मैं खुद को साबित करता चला गया. घातक की शूटिंग के वक्त भी हम खूब तैयारी करते थे. संतोषी जी एक ऐसे फिल्ममेकर हैं प्रतिभाओं की सच्ची परख उनमें है. इसलिए शूटिंग से पहले हम सब मिल कर बैठते थे और स्क्रिप्ट पढ़ते थे. हमारे डायरेक्टर ये चाहते थे कि सारे किरदार कहानी में इन्वॉल्व रहे तो शूटिंग में निखार आएगा और सीन्स अच्छे फिल्माए जा सकेंगे. संतोषी जी हमेशा प्रोड्यूसर्स का और फाइनेंसर का खयाल रखते थे कि उनका पैसा और भरोसा कभी न डूबे और जिस काम की जिम्मेदारी के लिए उन्हें चुना गया है वो सही तरीके से हो सके.