"और जान से मार देना बेटा, हम रह गये ना... मारने में देर नहीं लगाएंगे", साल 2003 में फिल्म आई थी हासिल. फिल्म में छात्रनेता रणविजय सिंह का रोल किया था मरहूम अभिनेता इरफान खान ने. फिल्म के डॉयलाग्स पूर्वांचल के लड़कों में आज भी जिंदा है. कहीं नुक्कड़ पर अभी भी एक-दो डायलॉग फेंकते हुए दिख जाएंगे. फिल्म ऐसी कि इसे एक बार देख लिया तो जब तक दिन के 10-15 डायलॉग ना मार लो तब तक इसका बुखार न उतरे. फिल्म में छात्र राजनीति से लेकर रंगबाजी, गुटबाजी, गैंगवार का जबर्दस्त कॉकटेल दिखाया गया था. अब 20 साल बाद ठीक इसी जॉनर की एक वेब सीरीज 'गर्मी' सोनी लिव पर स्ट्रीम हो रही है. इसे लेकर आए हैं, तिग्मांशु धूलिया.
छात्र राजनीति पर आधारित है कहानी
गर्मी को देखते हुए आपको हासिल एक बार जरूर याद आएगी. किरदार ऐसे कि लगेगा जैसे घर से निकलो तो नुक्कड़ पे बैठे मिलेंगे. 'गाली दे तो हम मार देब' जैसे ठेठ इलाहाबादी अंदाज में डॉयलाग्स. सीरीज में बिंदू सिंह और गोविंद मौर्या जैसे चपल और चतुर छात्रनेता के किरदार हैं, तो सिस्टम का शिकार पढ़ने-लिखने वाला छात्र अरविंद शुक्ला भी. इसके अलावा ब्रजेश और लतीफ जैसे बमबाज भी हैं. भ्रष्ट राजनीति से लेकर सड़ चुके पुलिसिया सिस्टम को 'गर्मी' में शानदार तरीके से दिखाया गया है. सीरीज की कहानी त्रिवेणीपुर नाम के एक काल्पनिक शहर की है, लेकिन देखते वक्त पूर्वांचल के शहरों और विश्वविद्यालयों की झलक देखने को मिलेगी.
सीरीज का ऐसा ही एक प्राइमरी कैरेक्टर है गोविंद मौर्या. इस किरदार को निभाने वाले अनुराग ठाकुर मूलत: बिहार के पूर्णिया जिले से आते हैं. उन्होंने एक ऐसे महत्वाकांक्षी युवक का किरदार निभाया है, जो छात्रनेता है, आगे चलकर राजनीति में अपना करियर बनाना चाहता है. इस किरदार को बाबा वैरागी यानी विनीत कुमार का शह हासिल है. बाबा वैरागी वैसे तो पहलवानी का अखाड़ा चलाते हैं, लेकिन राजनीति पर मजबूत पकड़ रखते हैं. गोविंद मौर्या के रोल में अनुराग ठाकुर ने अच्छी छाप छोड़ी है. वाइस चांसलर के ऑफिस में बिंदु सिंह से भाषणबाजी सीरीज का टोन ही सेट कर देती है. aajtak.in ने गोविंद मौर्या यानी अनुराग ठाकुर से, 'गर्मी' सीरीज वाले किरदार से लेकर उनके आगे प्लान तक के बारे में बातचीत की है.
पहले थियेटर की दुनिया में रखा कदम
बकौल अनुराग ठाकुर, वह थियेटर बैकग्राउंड से हैं और बिहार के पूर्णिया जिले के रहने वाले हैं. वह मिडिल क्लास फैमिली से आते हैं. पिता शिक्षक और मां गृहणी हैं. तीन भाई-बहनों में सबसे छोटे अनुराग बचपन में एक्टर्स की खूब मिमिक्री करते थे. राजू श्रीवास्तव के फैन थे और स्टैंड अप कॉमेडियन बनना चाहते थे. 10वीं तक की पढ़ाई पूर्णिया मे ही रहकर की. वहीं, 11वीं और 12वीं की पढ़ाई झारखंड के जमशेदपुर से पूरी की. गणित और अंग्रेजी के विषय में उनकी दिलचस्पी थी. अनुराग पशोपेश में थे कि आगे की पढ़ाई किस विषय से पूरी की जाए. इस दौरान उनकी मुलाकात, उनके पिता के एक दोस्त से हुई जो JNU में प्रोफेसर थे. प्रोफेसर ने उनसे एक दिलचस्प सवाल पूछा कि अगर कल दुनिया खत्म हो रही है तो ऐसी कौन सी चीज है, जिसे ना करने पर उन्हें पछतावा होगा? तब उन्हें महसूस हुआ कि उन्हें अभिनय के क्षेत्र में हाथ आजमाना चाहिए. वह दिल्ली चले आए. जाकिर हुसैन इवनिंग कॉलेज में इंग्लिश लिटरेचर में स्नातक की पढ़ाई शुरू की. इस दौरान अनुराग ने क्षितिज थियेटर ज्वाइन कर लिया. फिर वह लगातार 7-8 सालों तक थियेटर करते रहे हैं. अपने स्किल्स को मांझते रहें.
6 बार एनएसडी के एंट्रेंस में हुए फेल
अनुराग बताते हैं, ऐसा नहीं है कि उनके साथ सब 'फील गुड' ही रहा. दिल्ली आने के बाद उन्होंने तकरीबन 6 बार एनएसडी में दाखिले की कोशिश की. हर बार वह असफल ही रहे. एक्टिंग वर्कशाप तक वह सेलेक्ट हो जाते थे, लेकिन उससे आगे नहीं बढ़ पाते थे. पहली बार फेल हुए तो उन्हें बेहद बुरा लगा, फिर खुद को समझाया कि मनोज वाजपेयी भी यहां पर दाखिला लेने के लिए लगातार 4 बार असफल हुए थे. इसके बाद जब भी फेल हुआ खुश ही हुआ. मैंने कभी नहीं सोचा कि मुझ में कमी है. इसके इतर मुझे खुद को और बेहतर बनाने का विकल्प मिलता गया. इस बीच साथ वाले लगातार कहने लगे कि उनकी एक्टिंग स्किल्स इतनी बेहतर हो गई है कि उन्हें मुंबई का रुख कर लेना चाहिए, लेकिन वह थियेटर करते रहे. बकौल अरविंद उन्हें लिखने का बेहद शौक है. उनके दादा जी तारानंद ठाकुर कविताएं लिखते थे. वह भी कविताएं लिखना पसंद करते हैं. इसके अलावा वह प्ले भी लिखते हैं. जब छठी बार वह एनएसडी के एंट्रेंस में फिर से फेल हुए तो दिल्ली में रुक कर ही थियेटर करने लगे. लोगों को थियेटर सिखाना शुरू किया. 7-8 लोगों के साथ मिलकर खुद का 'अदम्य' नाम से एक ग्रुप बनाया. इसके कुछ वक्त बाद मुंबई का रुख कर लिया.
जब पहुंचे मायानगरी!
अनुराग के मुताबिक साल 2020 के मार्च में जब वह मुंबई आए तो कोरोना ने दस्तक दे दी. इस दौरान दो महीने वह और उनके 5 दोस्त मुंबई में फंस गए. अगले दो महीने बड़े मुश्किल से बीते. सब कुछ बंद. घर भी नहीं जा सकते. खाने-पीने की भी दिक्कत होने लगी. दुकान का शटर आधा खुलता तो वहां से कुछ खाने को लेकर आते. इसी तरह तरह दो महीने बीते, फिर रेलवे ने एक स्पेशल ट्रेन चलाई, उससे वह दिल्ली अपनी बहन के यहां चले आएं. साल 2022 में अनुराग फिर मुंबई आए. इस दौरान कई थियेटर किए. पृथ्वी थियेटर द्वारा आयोजित कंपटीशन्स में भी हिस्सा लिया. इस दौरान एक प्ले किया. इस प्ले में किन्नर का रोल निभाया था. इस रोल के लिए उन्हें तारीफें मिली, साथ ही वह लोगों के नजर में भी आने लगे. इसके बाद उन्हें कई विज्ञापनों में एक्ट करने का मौका मिला. अमेजन प्राइम की सीरीज 'तांडव' में भी वो एक छोटे किरदार में नजर आए थे. 'फिजिक्स वल्लाह' में अलख पांडे के दोस्त का किरदार निभाया. इसके अलावा वह एक्टिंग वर्कशॉप और वॉयस ओवर के जरिए भी अपने आपको मुंबई में खुद को जिंदा रखते रहे हैं.
कैसे मिला 'गर्मी' सीरीज में रोल
गोविंद मौर्या किरदार के बारे में अनुराग कहते हैं कि उनका एक दोस्त भीमेश्वर आर्या, कास्टिंग डायरेक्टर मुकेश छाबड़ा के साथ काम करता है. जब 'गर्मी' सीरीज की कास्टिंग शुरू हुई तो उसने कॉल किया और एक सैंपल वीडियो भेजने को कहा. अनुराग ने बताया, 'मैंने उससे एक दिन का वक्त मांगा, लेकिन उसने तुरंत वीडियो को भेजने को कहा. मैंने उस कम वक्त में जैसा हो सका, वैसा सैंपल वीडियो बना कर भेज दिया.' अगले कुछ दिन में उन्हें ऑडिशन के लिए कॉल आ गया. ऑडिशन के बाद उन्हें गोविंद मौर्या के रोल के लिए फाइनल कर लिया गया.
'लीजेंड हैं तिग्माशु धूलिया'
निर्देशक तिंग्माशु धूलिया के बारे में अनुराग बताते हैं, 'वह लीजेंड आदमी हैं. सही करने पर वह शाबासी देते हैं तो गलत करने पर डांट लगाते हैं. शायद लोगों को उनकी बात बुरी लग जाती है. लेकिन मैं उनकी डांट को पॉजिटिव तौर पर लेता था. हालांकि, मुझे कम डांट पड़ी, मैं थियेटर करता रहा था, इससे मुझे सीरीज के मुताबिक लहजा और हावभाव पकड़ने में ज्यादा वक्त नहीं लगा. मैं सीधा-शरीफ इंसान हूं. लड़ाई-झगड़े से दूर रहा, लेकिन अपने आसपास इस तरह का माहौल और रंगबाजी देखी है. इस वजह मुझे गोविंद मौर्या के किरदार में ढलने में ज्यादा मेहनत नहीं लगी'. फिल्म के अन्य कलाकारों से भी उनकी अच्छी बॉन्डिंग रही. सब साथ ही मौज-मस्ती करते थे. ये देखकर लोग उन्हें छेड़ भी देते थे कि अभी तक तो एक दूसरे के जानी दुश्मन बने थे, अब साथ बैठकर मौज कर रहे हो. अनुराग ने अपने आगे के प्रोजेक्ट्स पर भी खुलासा किया. वह जल्द तिग्मांशु धूलिया की एक और फिल्म 'घमासान' में छोटे लेकिन इंपैक्टफुल किरदार में नजर आने वाले हैं.