90 के दशक के सिनेमा में नाम कमाने वाली फरीदा जलाल, 75 साल की होने के बावजूद फिल्म इंडस्ट्री में एक्टिव नजर आती हैं. सलमान खान और शाहरुख खान संग इन्होंने बहुत काम किया है. पर वो एक चीज से नाराज हैं, वो ये कि फरीदा जलाल का कहना है कि उन्हें करियर में कुछ खास रोल्स ऑफर नहीं हुए. अपनी वर्सेटैलिटी को वो दिखा सकें, ऐसा नहीं हुआ. इस बात से वो थोड़ी खफा भी हैं.
नाराज हैं फरीदा जलाल
हिंदी सिनेमा में जब फरीदा जलाल मां और मदर फिगर के रोल्स बड़े पर्दे पर अदा करती नजर आ रही थं तो वो खुद को टाइपकास्ट समझती थीं. उन्हें लगता था कि मेल एक्टर्स को उनसे ज्यादा बेहतर और अच्छे रोल्स ऑफर हो रहे. लेकिन उनको नहीं. उनके पास अपनी एक्टिंग स्किल्स दिखाने का मौका ही नहीं आया, जहां वो खुद को साबित भी कर पाती कि वो एक मां के रोल के लिए नहीं बनी हैं. बल्कि और भी रोल्स वो अच्छी तरह करना जानती हैं.
टाइपकास्ट होने की कम्प्लेन करते हुए फरीदा जलाल ने टाइम्स फ इंडिया संग बातचीत में कहा- मैं एक चैलेंजिंग रोल ऑफर होने की राह देखती रही, क्योंकि मैं अपना टैलेंट शोकेस करना चाहती थी. अपनी वर्सेटैलिटी को दिखाना चाहती थी. हर बार मुझे मां का रोल-दादी का रोल ही ऑफ हुआ. मैं मेकर्स से इसलिए नाराज हूं, क्योंकि उन्होंने मेरे अंदर इन रोल्स से परे कोई टैलेंट नहीं देखा. और न ही मुझे इस काबिल समझा.
200 से ज्यादा फिल्मों में आईं नजर
फरीदा जलाल पिछले 50 सालों से फिल्म इंडस्ट्री का चेहरा हैं. इन्होंने अपने करियर में 200 से ज्यादा फिल्में की हैं. साल 1967 में फरीदा ने फिल्म 'तकदीर' से अपने करियर की शुरुआत की थी. फरीदा का कहना है कि मेल एक्टर्स को उस जमाने में कई तरह के रोल्स ऑफर होते थे. अनुपम खेर तक ने विलेन का रोल अदा किया हुआ है. वो सिर्फ दादा या पिता के रोल में नहीं रहे, बल्कि कई तरह के रोल्स उन्हें ऑफर हुए. पर मुझे सिर्फ एक ही स्लॉट में डाला गया.
बता दें कि कुछ समय पहले फरीदा जलाल को तवायफ के रोल में संजय लीला भंसाली की वेब सीरीज 'हीरामंडी' में देखा गया था. ये नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई थी. फरीदा ने एक इंटरव्यू में इच्छा जाहिर की थी कि वो कुछ अलग और नया करना चाहती हैं. आज के करियर के फेज में वो डिजर्व करती हैं कि उन्हें एक अलग तरह का रोल मिले. संजय ने उन्हें तवायफ का रोल ऑफर किया था, जिसे करके फरीदा काफी खुश हुई थीं, क्योंकि ये एक अलग तरह का रोल था.