अरशद वारसी फैमिली मैन हैं. पत्नी मारिया गोरेट्टी संग उनकी लव स्टोरी फिल्मी कहानी से कम नहीं है. कपल ने 1996 में इंटरफेथ मैरिज की थी. इस रिश्ते से उनके दो बच्चे हैं. एक इंटरव्यू में अरशद ने बताया कैसे मारिया के कैथोलिक पेरेंट्स को उनकी इंटरफेथ मैरिज से शुरुआत में थोड़ी दिक्कत थी. फिर बाद में कैसे बात बनी, इसका एक्टर ने जिक्र किया है.
कैसे माने मारिया के पेरेंट्स?
अरशद ने बताया कि जब मारिया के कैथोलिक माता-पिता को पहली बार उनके रिश्ते के बारे में पता चला, तो वे बहुत नर्वस थे. लल्लनटॉप को दिए इंटरव्यू में अरशद ने बताया कि मारिया के पेरेंट्स इसलिए परेशान थे क्योंकि ये इंटरफेथ मैरिज थी. उन्होंने अपनी बेटी के लिए ऐसी शादी नहीं सोची थी. मारिया के पेरेंट्स बहुत सिंपल और धार्मिक हैं. उनकी जिंदगी सिर्फ उनके धर्म के इर्द-गिर्द घूमती है.
एक्टर ने कहा- वे थोड़े घबराए हुए थे. कैथोलिक लड़की और मुस्लिम लड़का. वो दोनों बहुत शरीफ हैं. उनकी जिंदगी में जीसस क्राइस्ट के अलावा कुछ नहीं है. वे थोड़े घबराए हुए थे क्योंकि वे उम्मीद करते थे कि मारिया किसी कैथोलिक लड़के से शादी करेगी जो 9-5 की नौकरी करता होगा. लेकिन मारिया ने मुस्लिम लड़के को पकड़ लिया. वो भी बेरोजगार.
मारिया के पेरेंट्स को अरशद पर था यकीन
अरशद ने बताया कि उस फेज में मारिया के पेरेंट्स को विश्वास था कि वो अच्छे इंसान हैं. उन्हें भरोसा था कि वो उनकी बेटी का ख्याल रखेंगे. समय के साथ उनका ये भरोसा पूरे विश्वास में बदल गया. एक्टर ने कहा, उन्हें पता था मैं अच्छा इंसान हूं. उन्हें यकीन था कि मैं उनकी बेटी का ख्याल रखूंगा. धीरे-धीरे उन्हें एहसास हो गया कि मुझसे बेहतर उनकी बेटी के लिए कोई नहीं है. अब वे बहुत खुश हैं और मेरे साथ रहते हैं. उनका स्वाभिमान उन्हें अपने घर में रहने को मजबूर करता है, लेकिन हम जुगाड़ करके उन्हें अपने पास लेकर आ गए.
अरशद ने बताया कि वो मारिया से पहली बार जेवियर कॉलेज में मिले थे. वहां अरशद एक कॉम्पिटिशन जज करने गए थे. बाद में मारिया उनके साथ थिएटर प्ले करने लगीं. धीरे-धीरे उनकी दोस्ती प्यार में बदली. मारिया ने कई बार उनका प्रपोजल ठुकराया. लेकिन अंत में वो मान गईं. वर्कफ्रंट पर, अरशद को पिछली बार फिल्म जॉली एलएलबी 3 में देखा गया.