अनुराग कश्यप इन दिनों अपने मिजाज के विपरीत लव स्टोरी लेकर आ रहे हैं. फिल्म 'ऑलमोस्ट प्यार विद डीजे मोहब्बत' में अनुराग टीनएजर्स की जिंदगी में होने वाले लव कॉम्प्लीकेशंस को सुलझाते नजर आने वाले हैं. हालांकि अनुराग का कहना है कि उन्होंने यह फिल्म किसी और मंशा से बनाई है. आजतक डॉट इन संग अनुराग ने अपनी इस फिल्म और बेटी आलिया संग अपने रिश्ते पर खुलकर बातचीत की.
अनुराग कश्यप ने क्यों बनाई फिल्म?
अपनी फिल्म के बारे में अनुराग कश्यप कहते हैं- ''मेरे लिए यह जहीन फिल्म है. भले ही लोगों को लगे कि अरे अनुराग तो लव स्टोरी लेकर आया है, जो सच नहीं है. यहां मैं जो कहना चाह रहा हूं, वो बात अलग है. मैं उन्हें टीनएजर्स नहीं, बल्कि मेरे जैसी पीढ़ी के लोगों की बात भी कहना चाह रहा हूं. जब मैं बड़ा हो रहा था, तो उस वक्त हमारा तौर-तरिका अलग होता था. उसके लिए हमारे धर्म को अलग होने की जरूरत नहीं होती थी. मेरी दादी पूजा पाठ किया करती थी. घर पर अंडा तक बनाने की इजाजत नहीं थी. वहीं हम लोग खाते थे. मैं नॉन वेजिटेरियन खाता, तो घर के बाहर अंगीठी बनती थी, वहां एक अलग बर्तन होता था. पापा पकाया करते थे. इस सीन को मैंने मुक्काबाज में इस्तेमाल किया था.''
उन्होंने आगे कहा- ''हम उस वक्त नॉनवेज खाकर हाथ धोने के बाद घर में घुसा करते थे. हमारे बर्तन तक अलग हुआ करते थे. किसी को उस वक्त दिक्कत नहीं थी. हम दादी और उनके विश्वास को एक्सेप्ट किया करते थे. वो भी हमें रोकती नहीं थी, लेकिन आज ऐसा वक्त आ गया है कि दादी बाहर आकर कहेंगी कि अंगीठी तोड़ो. यहां मत खाओ और हम ऐसे हो गए हैं कि नहीं, हम तो यहीं खाएंगे. हमारा जो आपसी रिस्पेक्ट था, वो खत्म हो गया है. पहले हम जियो और जीने दो पर यकीन करते थे लेकिन अब हो गया है कि माई वे या हाइवे.''
समाज को है मोहब्बत की जरूरत
अनुराग कश्यप ने कहा कि हमें आपसी मोहब्बत की जरूरत है. वो समाज के बारे में बात करते हुए कहा- ''हमारा समाज ऐसा बन गया है. इस समाज में जो भुगत रहा है. वो है हमारी नई पीढ़ी. हम अपनी पीढ़ी और बच्चों के लिए कौन-सी दुनिया छोड़कर जा रहे हैं. अब वो सोचता हूं, तो डर जाता हूं. इसलिए मैंने वो फिल्म बनाई है. मेरे इस फिल्म बनाने का सबसे बड़ा कारण यही है कि हमें बहुत जरूरत है, हमें एक दूसरे को स्वीकार करने की और आपसी मोहब्बत की. ये वो मोहब्बत है, जिसकी जरूरत समाज को है. ये बच्चों के सवालों के जवाब मैं समाज के सामने रखना चाहता हूं. बच्चों का भविष्य या चॉइस डिसाइड करने वाले हम कौन होते हैं. वे बच्चे अपने स्ट्रगल्स के साथ जी रहे हैं. हम बड़े उनपर अपना एक्स्पीरियंस थोपते हैं.''
बेटी संग रिश्ते पर क्या बोले अनुराग कश्यप?
अनुराग कश्यप ने बताया कि उनका अपनी बेटी आलिया संग कैसा रिश्ता है. वो बताते हैं, ''एक दिन मेरी बेटी आकर मुझसे कहती है कि 'पापा देखो, आप बहुत गिल्ट के साथ जी रहे हो. आपके पेरेंट्स ने उधार मांगकर आपके एजुकेशन पर खर्च किया है, जबकि आपको फिल्म बनानी थी. आप उन्हें अपनी चीजें एक्स्प्लेन करना चाहते थे. वो आपका स्ट्रगल था. उसे प्रूव करने के लिए आप इंडस्ट्री में जल्द से जल्द नाम कमाकर पैसे बनाना चाहते थे.' अब मेरी बेटी कॉलेज ड्रॉपआउट हो गई है. मैंने चिंता में पूछा कि बेटा अब तुम क्या करोगी?'''
''वो कहती है, 'क्या करोगी मतलब, कॉलेज ड्रॉपआउट ही तो हुई हूं. वो मेरी चिंता है ही नहीं. मेरा स्ट्रगल तो यही है कि मैं खुद की तलाश में हूं. मैं आपको समझाने की कोशिश कर रही हूं कि मैं यूट्यूब में खुश हूं. आपको इस बात से खुश होना चाहिए कि मैं खुश हूं. आपको संतुष्ट होना चाहिए कि मैं सुरक्षित हूं. आप मेरी जिंदगी को अपने हाथ में लेने की कोशिश क्यों कर रहे हो अपनी सिक्योरिटी के लिए?'''
अब कूल डैड बन गए हैं अनुराग
अब अनुराग कश्यप को कूल डैड के रूप में जाना जाता है. इस टैग के मिलने पर डायरेक्टर कहते हैं, ''जब लोग आकर मुझसे कहते हैं न कि तुम्हारी बेटी का वीडियो यूट्यूब पर देखा. तुम तो बड़े कूल डैड हो. मैं कूल डैड बन गया हूं, क्योंकि मेरी बेटी ने बनाया है. मैं वही लड़का हूं, जो 18 साल में कॉलेज के दौरान एक लड़की को सिगरेट पीता देख कहता था कि लड़कियों को सिगरेट नहीं पीनी चाहिए. मैं ऐसा था... आज मुझे ऐसा बनने में बहुत वक्त लगा है. आपकी जिंदगी में ऐसे लोग होने जरूरी हैं, जो आपको बदलें... जो आपकी चीजें पॉइंट ऑउट करें. बेटियां जिस तरह बाप को कॉलआउट करती हैं, वो कोई और नहीं कर सकता. मेरी बेटी मुझे हर बात पर टोकती है. कभी घर की दीवारों तो कभी बाथरूम के टॉयलेट्स तक उसने अपने पसंद से बदलवा दिए हैं.''
क्या बेटी को लेकर होती है इनसिक्योरिटी?
बेटी को पब्लिक प्लेटफॉर्म पर आता देख कभी इनसिक्योरिटी महसूस होती थी? इस सवाल के जवाब में अनुराग कश्यप कहते हैं, ''इनसिक्योरिटी तो बहुत पहले चली गई थी. मेरी बेटी को लेकर जो मेरा अटैचमेंट है, वो बहुत ज्यादा रहा है. मेरा तो अलग स्ट्रगल रहा है न. जब आपकी शादी टूट जाती है, तो आप अपने बच्चे को उस माहौल से बचाना चाहते हो. उसकी मां और मैं तो बचपन के दोस्त हैं. हम आज भी साथ काम करते हैं. लेकिन बच्चे को कैसे समझाएं कि दो लोग क्यों अलग है. अभी तो उसे सबकुछ समझ आता है. लेकिन जब पांच साल की उम्र से लेकर 15 साल की उम्र थी, तो वो दिन बहुत ही महत्वपूर्ण थे. हमारा स्ट्रगल तो वो था. उस स्ट्रगल के दौरान भी हमने काफी कुछ झेला है. अब आप देखो न, आदमी का ट्रांजिशन कैसा होता है. मेरी फिल्मों में औरतों के किरदारों ने मुझे इवॉल्व किया है. लड़कियों को देखने के नजरिए में बहुत बदलाव आया है. मेरा जजमेंट कम होता जा रहा है.''